वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी
रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की लीक हुई कथित WhatsApp चैट्स के बाद विपक्ष गंभीर सवाल उठा रहा है. साथ ही कांग्रेस, शिवसेना, एनसीपी जैसी पार्टियों ने ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाने की मांग की है. ऐसे में द क्विंट से बातचीत में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी कुछ सवाल रखे और उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की. इसी के साथ चव्हाण का कहना है कि अगर केंद्र इसकी जांच सही से नहीं कराती है तो इसका मतलब है कि इसमें बड़े मंत्री भी शामिल हैं.
यूपीए सरकार में पृथ्वीराज चव्हाण प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. चव्हाण का कहना है कि इस पूरे मामले को महज WhatsApp चैट लीक की तरह नहीं देखा जाना चाहिए ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत बड़ा 'सिक्योरिटी ब्रीच' है. चव्हाण खुद PMO के इंचार्ज रह चुके हैं, इस लिहाज से वो बताते हैं कि पांच मंत्रियों की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी, डिफेंस चीफ और प्रधानमंत्री के अलावा किसी भी डिफेंस ऑपरेशन की जानकारी किसी को नहीं दी जाती. फिर अर्णब गोस्वामी को स्ट्राइक के बारे में पता होने का मतलब ये है कि इन्हीं 5-7 लोगों में से किसी ने ये जानकारी लीक की है.
दरअसल, गोस्वामी और दासगुप्ता के जो कथित चैट लीक हुए हैं, उनमें स्ट्राइक से तीन दिन पहले 23 फरवरी 2019 को गोस्वामी चैट पर दासगुप्ता को बताते दिख रहे हैं कि 'कुछ बड़ा होने वाला है.' जब दासगुप्ता पूछते हैं कि क्या उनका मतलब दाऊद से है, तो अर्णब जवाब देते हैं: "नहीं सर, पाकिस्तान. इस बार कुछ बड़ा किया जाएगा."
देश की सुरक्षा के साथ धोखा है ये मामला- चव्हाण
पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि ये चैट और इस तरह की बातें होना कमर्शियल क्रिमिनल फ्रॉड और देश की सुरक्षा के साथ धोखा है. SEBI और कंपनी एक्ट के तहत ये अपराध है. ये सिर्फ दूसरे न्यूज चैनलों के साथ धोखाधड़ी नहीं बल्कि एडवरटाइजर्स और जनता के साथ बेईमानी भी है.
चव्हाण इस बात पर जोर देते हैं कि देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर खुफिया जानकारी के इस्तेमाल मुनाफाखोरी में करना क्रिमिनल फ्रॉड के तहत आता है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
जड़ तक पहुंचना जरूरी है- चव्हाण
कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियां ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से जांच की मांग कर रही हैं, इसकी वजह चव्हाण बताते हैं कि देश का टॉप सीक्रेट किसने लीक किया है इसकी जड़ तक पहुंचना जरूरी है.
अगर अर्णब हमले से पहले इस तरह से पार्थो चैट से कर रहे हैं तो और कितने लोगों से उन्होंने ये जानकारी शेयर की है. ये भी जानना बेहद जरूरी है.पृथ्वीराज चव्हाण
हमारी केंद्र सरकार और जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की जांच की मांग इसलिए हैं क्योंकि देश का सबसे बड़ा टॉप सीक्रेट किसने लीक किया इसके जड़ तक पहुचना जरूरी है.पृथ्वीराज चव्हाण
उधर, एनसीपी का भी कहना है कि ये काफी संवेदनशील मामला है, इसलिए गृहमंत्रालय को इसके सोर्स की पहचान कर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
मुंबई पुलिस या महाराष्ट्र सरकार पूरे अधिकार के साथ जांच में क्यों नहीं जुट रही?
इस सवाल के जवाब में पृथ्वीराज च्वहाण का कहना है कि मुंबई पुलिस अपनी जांच कर रही है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो तो केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए. केंद्रीय स्तर से जानकारी लीक होने के संकेत मिल रहे हैं. जानकारी मिलने वाले से संघीन अपराध तो जानकारी देने वाले ने किया है. अब तक किसी ने इस चैट्स को नकारा भी नहीं यानी ये बातचीत हुई है ये मान लेना चाहिए.
1971 के बाद ये सबसे बड़ी घटना है जिसमे दो देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है. इसका सियासी फायदा उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है. अब इन सबके बावजूद इसके केंद्र सरकार जांच नहीं करेगी तो फिर किसके मन मे चोर हैं, ये जनता जरूर पूछेगी.पृथ्वीराज चव्हाण
ये सियासी बदला है?
जब द क्विंट ने पृथ्वीराज चव्हाण से ये पूछा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सियासी बदला लेने के लिए ये चैट लीक मामला सामने आया है. इस बात के जवाब में च्वहाण ने कहा-
रिपब्लिक टीवी तो सरकार का इन हाउस मीडिया है ये बात सारा देश मानेगा. इसीलिए सिर्फ उसके मुखिया अर्णब को ये जानकारी मिली होगी. इसमें TRP बढ़ाने के लिए आंकड़ों के साथ हेराफेरी हुई हैं, जांच से स्पष्ट हो रहा है. अगर ये अपराध है, फिर तो कहना गलत होगा कि सरकार बदला लेने के लिए काम कर रही है.
सरकार के आला मंत्रियों के अलावा इस जानकारी को कोई नहीं जानता था. इसमें उनके नाम सामने ना आए क्या इसलिए केंद्र सरकार मामले को रफा दफा करना चाह रही है?पृथ्वीराज चव्हाण
विपक्ष का अगला कदम क्या होगा?
बातचीत के आखिर में च्वहाण कहते हैं कि अगर केंद्र इस बात को गंभीरता से नहीं लेती है तो लोगों में ये संदेश जरूर जाएगा कि केंद्र सरकार के मन में चोर है, इसलिए कार्रवाई नहीं हुई. अबतक मिली जानकारी के आधार पर तो केंद्रीय एजेंसियों को मामला दर्ज करना चाहिए. क्या इसमें केंद्र सरकार का कोई बड़ा चेहरा शामिल है, इसका जवाब तो देश की जनता को देना होगा.
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