ADVERTISEMENT

‘’आत्मघाती’’, बार एसोसिएशन और LAWASIA ने भूषण केस पर जताई चिंता

प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को अवमानना केस में दोषी करार दिया था

Published
भारत
2 min read
‘’आत्मघाती’’, बार एसोसिएशन और LAWASIA ने भूषण केस पर जताई चिंता
i
Hindi Female
listen to this story

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई पर ट्वीट करने को लेकर सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना के तहत दोषी करार दिया गया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लगातार आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं. अलग-अलग प्रोफेशन से जुड़े लोगों ने इस फैसले पर अपनी चिंता जाहिर की है. वहीं अब बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया और लॉ एसोसिएशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक ( LAWASIA ) की तरफ से बयान जारी कर चिंता व्यक्त की गई है.

ADVERTISEMENT

बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की एग्जीक्यूटिव कमेटी ने प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेकर दोषी करार दिए जाने के फैसले को लेकर चिंता जताई गई है. एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा है कि भले ही ये कार्रवाई संस्था की गरिमा को बनाए रखने के लिए की गई हो, लेकिन इस तरीके के फैसले सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा के लिए आत्मघाती साबित हो सकते हैं.

एसोसिएशन ने कहा कि, बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया हमेशा से ही न्यायपालिका की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए खड़ा रहा है और इसने हमेशा कानूनी पेशे से जुड़े लोगों के बीच उच्च मानकों को बनाए रखा है. इसके अलावा एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा कि,

इंस्टीट्यूशनल और स्ट्रक्चरल मामले जो जुडिशरी, जुडिशियल ऑफिसर और जुडिशियल कंडक्ट से जुड़े हों उन पर टिप्पणी करना एक वकील का कर्तव्य है. क्योंकि वो न्याय प्रशासन का ही एक हिस्सा है. इसके साथ ही उसकी भूमिका एक कर्तव्यनिष्ठ नागरिक के तौर पर भी होती है.
ADVERTISEMENT

LAWASIA ने कहा- वकीलों की आजादी का हो सम्मान

बार एसोसिएशन के अलावा एक बड़ी लॉ एसोसिएशन LAWASIA ने भी प्रशांत भूषण मामले में अपना बयान जारी किया. जिसमें कहा गया है कि प्रशांत भूषण एक जाने माने वकील हैं जो कई संस्थाओं, व्यक्तियों और संगठनों की तरफ से कोर्ट में कई बार केस लड़ चुके हैं. भूषण आमतौर पर ह्यूमन राइट्स, एनवायरमेंट राइट्स और गुड गर्वनेंस की बात करते हैं. साथ ही वो देश की कई संस्थाओं की स्क्रूटनी पर भी जोर देते रहे हैं, जिसमें न्यायपालिका भी शामिल है.

LAWASIA ने अपने बयान में इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स और अभिव्यक्ति की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि, सभी को आर्टिकल 19 के तहत संविधान ये अधिकार देता है कि वो लोकतांत्रिक समाज में रहते हुए अपनी बात रख सकते हैं. इस संस्था ने अपने बयान में कहा कि वकील ही हैं जो न्याय प्रशासन में एक अहम भूमिका अदा करते हैं और ह्यूमन राइट्स की रक्षा करते हैं. इसीलिए किसी भी देश को वकीलों की बोलने की आजादी का सम्मान करना चाहिए. जैसा कि वकीलों की भूमिका को लेकर संयुक्त राष्ट्र के बेसिक प्रिसिंपल में बताया गया है.

LAWASIA ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि वो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर प्रशांत भूषण के खिलाफ दर्ज अवमानना के इस मामले को खत्म करे.

बता दें किप्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को अवमानना केस में दोषी करार दिया था. उन्होंने सीजेआई बोबड़े की एक फोटो पर जिसमें वो सुपर बाइक पर बैठे दिख रहे हैं, ट्वीट किया था. इसके अलावा उन्होंने पिछले कुछ सीजेआई के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाया था. उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद अब 20 अगस्त को उनकी सजा को लेकर सुनवाई होनी है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

ADVERTISEMENT
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
0
3 माह
12 माह
12 माह
मेंबर बनने के फायदे
अधिक पढ़ें
ADVERTISEMENT
क्विंट हिंदी के साथ रहें अपडेट

सब्स्क्राइब कीजिए हमारा डेली न्यूजलेटर और पाइए खबरें आपके इनबॉक्स में

120,000 से अधिक ग्राहक जुड़ें!
ADVERTISEMENT
और खबरें
×
×