बेंगलुरू (Bengaluru) के कई इलाकों में भारी बारिश हुई, जिसके बाद कई जगह जलभराव बना हुआ है. बाढ़ से यह स्थिति हो गई है कि कई इलाकों में राहत कार्यों के लिए नौकाओं और ट्रैक्टरों को लगाया गया है. कुछ शहरों में झील, तालाब और नाले भर चुके हैं और निचले इलाकों के घरों में पानी भर गया है. इससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसके बाद लोगों ने मैनेजमेंट के खिलाफ गुस्सा भी जाहिर किया है.
बाढ़ के तीसरे दिन भी कई इलाकों में जलभराव बना हुआ है. कुछ प्रमुख सड़कों पर पानी भर जाने से ट्रैफिक पर भी असर पड़ा है.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पानी से भरी सड़क पर करंट लगने से एक 23 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जो एक टीचर थीं. वो स्कूल से लौट रही थीं और उनकी स्कूटी फिसल गई. इसके बाद उन्होंने बिजले के पोल का सहारा लेने की कोशिश की और करंट लग गया.
बेंगलुरु नागरिक निकाय ने 500 जल नालियों की पहचान की है, जिसपर अतिक्रमण हुआ है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस स्थिति का जिम्मेदार राज्य की पिछली जेडीएस-कांग्रेस सरकार को ठहराया है. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पिछली कांग्रेस सरकार के अनियोजित प्रशासन की वजह से हुआ है.
शहर से पानी निकालने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की राशि दी गई है. अतिक्रमण हटाने के लिए और 300 करोड़ रुपये दिए गए हैं. राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जल निकासी स्थल अतिक्रमण से अवरुद्ध न हो.बसवराज बोम्मई, मुख्यमंत्री, कर्नाटक
कई इलाकों में बिजली कटौती
कई इलाकों में बिजली कटौती की भी खबर है. मांड्या में एक पंपहाउस में पानी भर जाने से कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पंपहाउस की सफाई की जा रही है. 8 हजार बोरवेल प्रभावित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करेंगे, बिना बोरवेल वाले इलाकों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाएगी.
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इससे पहले कहा था कि बाढ़ से 430 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 2,188 अन्य को हल्का-फुल्का नुकसान हुआ है. करीब 225 किलोमीटर लंबी सड़कें, पुल, पुलिया और बिजली के पोल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.
बारिश और बाढ़ की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक केंद्रीय टीम आज शहर में आने वाली है. एक ज्ञापन सौंपा जाएगा और उसके बाद, सरकार टीम के सदस्यों के साथ बैठक करेगी.बसवराज बोम्मई, मुख्यमंत्री, बेंगलुरू
मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक दक्षिण और उत्तरी कर्नाटक में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. अगस्त के आखिरी हफ्ते में राज्य में पहले ही 144 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है और सितंबर के पहले पांच दिनों में 51 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है. कर्नाटक में 42 साल में यह सबसे अधिक बारिश हुई है.
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