सुरेश भैयाजी जोशी को एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सरकार्यवाह चुन लिया गया है. सुरेश भैयाजी जोशी को तीन साल के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह साल 2009 से इस पद पर बने हुए हैं. मार्च में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा था. हालांकि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि दत्तात्रेय होसबले को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, लेकिन ऐसी तमाम अटकलों पर शनिवार को विराम लग गया.
नागपुर में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में भैयाजी जोशी को को लगातार चौथी बार सरकार्यवाह चुन लिया गया. अब भैयाजी मार्च 2021 तक इस पद पर बने रहेंगे. सरकार्यवाह के तौर पर उनकी भूमिका संगठन में सलाहकार की होगी. बता दें कि सरकार्यवाह आरएसएस में संघ प्रमुख (सरसंघचालक) के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद है.
मूर्तियां तोड़े जाने पर जताई थी चिंता
आरएसएस हर तीन साल में अपना सरकार्यवाहक चुनता है. भैयाजी जोशी पिछले 9 साल से सरकार्यवाहक का पद संभाल रहे हैं. इस बैठक से पहले उन्होंने शुक्रवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश की थी.अपने रिपोर्ट में उन्होंने हाल ही में देश के अलग-अलग हिस्सों में मूर्तियां तोड़े जाने की घटनाओं की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि समाज में आंतरिक संघर्ष सभी के लिए चिंता की बात है. ऐसी घटनाओं में हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना बेहद निंदनीय है.''
इन नामों पर भी चर्चा थी
संघ के कई नेता चाहते थे कि भैयाजी जोशी तीन साल का एक कार्यकाल और लें. हालांकि खुद जोशी इसके पक्ष में नहीं थे. इस चुनाव से पहले सरकार्यवाह के पद के लिए सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले या कृष्ण गोपाल के नामों की भी चर्चा चलती रही थी. संघ के सरकार्यवाह का चुनाव इस बार इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया था क्योंकि अगले एक साल में लोकसभा समेत कई राज्यों के महत्वपूर्ण चुनाव होने हैं.
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