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भीमा कोरेगांव: 84 साल के स्टेन स्वामी की तबीयत बिगड़ी, वेंटिलेटर पर रखा गया

Stan Swamy मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती हैं.

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भारत
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भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon) में आरोपी, ट्राइबल एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी (Stan Swamy) की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. 84 साल के स्टेन स्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर 30 मई को मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके वकील ने जानकारी दी कि रविवार को उनकी सेहत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है.

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 जुलाई को, उनके वकील मिहिर देसाई ने हाईकोर्ट को बताया था कि स्वामी को आईसीयू में रखा गया है. देसाई ने रविवार को कहा, आधी रात के बाद, स्वामी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. देसाई ने कहा,

"उनकी सेहत खराब हो गई है और उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है, क्योंकि उनके ऑक्सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहा है." उन्होंने कहा कि ये लॉन्ग कोविड के कारण हो सकता है.
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बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रही जमानत पर सुनवाई

बॉम्बे हाईकोर्ट में स्टेन स्वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है. जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस एन जे जमादार की बेंच ने मेडिकल ग्राउंड पर उनकी जमानत याचिका खारिज करने के विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ स्वामी की अपील पर सुनवाई की तारीख 6 जुलाई तय की थी. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि स्वामी होली फैमिली अस्पताल में भर्ती रहें.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 28 मई को राज्य के जेल प्रशासन को तलोजा जेल में कैद फादर स्टेन स्वामी को होली फैमिली हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था.

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"अस्पताल में शिफ्ट होने की बजाय मरना पसंद करूंगा": स्वामी

इससे पहले, 21 मई को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी ने अस्पताल शिफ्ट किए जाने से इनकार कर दिया था. स्वामी ने हाइकोर्ट से कहा कि वो अस्पताल में शिफ्ट होने की बजाय जेल में मरना पसंद करेंगे. स्वामी ने कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की अपील की. स्टेन स्वामी पिछले आठ महीनों से मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं.

स्वामी को 8 अक्टूबर 2020 को रांची स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. स्वामी का नाम उन आठ लोगों में शामिल है, जिनपर भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा को कथित तौर पर भड़काने के आरोप हैं. वो पार्किंसन्स बीमारी से जूझ रहे हैं. उन्हें दोनों कानों में सुनने में भी तकलीफ है, और कई बार जेल में गिर भी चुके हैं.

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