बीएचयू की एक दलित छात्रा ने विश्वविद्यालय सुरक्षाकर्मियों पर शौचालय जाने से रोकने का आरोप लगाया है. छात्रा ने कुलपति और कुलसचिव से लिखित में शिकायत की है और सुरक्षकर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की भी मांग की है.
हालांकि, इस मामले पर बीएचयू चीफ प्रॉक्टर ओपी राय एक अलग एंगल बता रहे हैं. उनका कहना है कि छात्रा जेंट्स सुरक्षाकर्मियों के टॉयलेट में जा रही थी, इसी वजह से उसे रोका गया था.
‘अमानवीय है ये’
छात्रा ने जो शिकायत दर्ज कराई है उसके मुताबिक, मामला 11 जुलाई दोपहर करीब 12 बजे का है. बीएचयू में आर्ट स्ट्रीम की छात्रा अर्चना कुमारी महिला महाविद्यालय में टॉयलेट के लिए जा रही थी. तभी वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने जानबूझकर बेहद भेदभावपूर्ण तरीके से उन्हें एंट्री करने से रोक दिया. सुरक्षाकर्मियों ने नजदीकी हॉस्पिटल और कॉलेज में टॉयलेट जाने के लिए कहा. ऐसा आरोप छात्रा लगा रही है.
मुझे महाविद्यालय की छात्रा होने के बावजूद टॉयलेट जाने से रोक दिया. ये बिल्कुल अमानवीय है और गैर कानूनी भी.अर्चना कुमारी
वहीं बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ने कहा है कि छात्रा जेंट्स सुरक्षाकर्मियों के टॉयलेट में जा रही थी, इसी वजह से उसे रोका गया था.
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