दिवंगत गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने भारत रत्न को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल का विरोध करते हुए तेज हजारिका ने ये फैसला लिया है.
भारत रत्न के मुद्दे पर बंट गया परिवार
भूपेन हजारिका को भारत रत्न मिलने पर हजारिका का परिवार बंट गया है. एक ओर कुछ लोग बेहद खुश हैं कि ये अवॉर्ड उनको दिया जा रहा हो वहीं भूपेन हजारिका के बेटे का ये कदम कुछ अलग ही संदेश देता है.
भूपेन हजारिका के भाई समर हजारिका का कहना है, ‘‘ये फैसला तेज के अकेले का है मेरा नहीं है, हम चाहते हैं कि ये उनको (भूपेन हजारिका) मिले वैसे भी भारत रत्न मिलने में देर हो चुकी है.’’
असम सरकार का तेज हजारिका को दो टूक जवाब
असम के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार से जब इस बारे में पूछा गया तब मीडिया सलाहकार ऋषिकेश गोस्वामी ने बताया कि, ‘‘परिवार ने अवॉर्ड को दिल से स्वीकार कर लिया है और पब्लिकली भी इसका स्वागत किया है. क्या तेज हजारिका ये साबित करना चाहते हैं कि उनके पिता भारत रत्न के काबिल नहीं थे? वो क्यों अमेरिका में बैठकर बिल पर टिप्पणियां कर रहे हैं? ’’
मोदी सरकार ने किया था भूपेन हजारिका के लिए भारत रत्न का ऐलान
गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले केंद्र की मोदी सरकार ने दिवंगत कवि, पार्श्वगायक, गीतकार और फिल्म निर्माता भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. भूपेन हजारिका का 85 वर्ष की आयु में 2011 में निधन हो गया था. उनको ये सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है. हजारिका ने असमिया लोक गीत और संस्कृति को हिंदी सिनेमा में लाकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी.
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