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महाराष्ट्र: आरक्षण आंदोलन के बीच BJP का 2 नगरपालिकाओं पर कब्जा

सांगली के नतीजों को कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है.

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भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को हराकर शुक्रवार को महाराष्ट्र की सांगली नगरपालिका चुनाव में बड़ी जीत हासिल की. पार्टी ने जलगांव नगरपालिका में भी जीत दर्जकर शिवसेना को करारा झटका दिया. इन दोनों नगरपालिकाओं में एक अगस्त को मतदान हुआ था.

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सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए मराठा समुदाय के आंदोलन के बीच बीजेपी ने ये जीत हासिल की है. इस जीत को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के लिए राहत के रूप में देखा जा रहा है.

बीजेपी ने जलगांव नगर निगम (जेएमसी) में 75 सीटों में से 57 सीटें जीतीं. शिवसेना नेता सुरेश जैन की खान्देश विकास आघाडी (केवीए) केवल 13 सीटें जीत सकीं. केवीए ने पिछले कई सालों तक जेएमसी में शासन किया. एक स्थानीय संगठन केवीए ने इन बार शिवसेना के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था और जेएमसी में उसकी 36 सीटें थीं.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने तीन सीटों पर दर्ज की, जबकि दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. एनसीपी को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि पहले उसके नगर निकाय में 11 पार्षद थे.

कांग्रेस जलगांव में लगातार दूसरी बार अपना खाता भी नहीं खोल सकी. बीजेपी ने सांगली-मिराज-कुपवाड़ नगरपालिका में 78 में से 41 सीटें हासिल की और कांग्रेस को बेदखल किया.

कांग्रेस के लिए झटका

सांगली के नतीजों को कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. इन दोनों दलों ने शहर में नगर निकाय चुनाव में पहली बार गठबंधन बनाया था. एनसीपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल और कांग्रेस नेता विश्वजीत कदम के साथ दोनों दलों के कई स्थानीय नेताओं ने भी गठबंधन के लिए जोरदार प्रचार किया था.

फडणवीस ने मराठा आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर सांगली में अपनी जनसभाओं को रद्द कर दिया था. सांगली में 2013 में कांग्रेस ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी. एनसीपी को 19, एमएनएस को एक और बाकी सीटें निर्दलीय और अन्यों ने जीती थीं.

(इनपुट भाषा से)

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