बिहार की राजधानी पटना के डाक बंगला चौराहा पर 22 अगस्त 2022 को शिक्षक अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज मामले में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर दोषी पाए गए हैं. जांच के लिए पटना के जिलाधिकारी के नेतृत्व में बनाई गई 2 सदस्य जांच समिति ने एडीएम लॉ एंड ऑर्डर के के सिंह को दोषी पाया है.
साथ ही बेरहमी से अभ्यर्थी की पिटाई करने के मामले में जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने एडीएम केके सिंह को नोटिस जारी किया है और अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है, और ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात कही गई है.
जांच टीम ने पाया कि, प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज करने वाले एडीएम जरूरत से ज्यादा आक्रामक हो गए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच कमिटी ने डाक बंगला चौराहा पर लगे सीसीटीवी फुटेज, पुलिस अधिकारियों के बयान और बाकी बिंदुओं के बाद केके सिंह को दोषी पाया है.
वहीं इस मामले में तिरंगे के अपमान का मामला भी बनता दिख रहा है.
क्या है 'लाठी कांड'
दरअसल, सातवें चरण की प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षक बहाली के विज्ञापन जारी करने की मांग को लेकर बिहार के अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी पटना में डाक बंगला पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे, इसी दौरान एडीएम केके सिंह ने तिरंगा लिए एक छात्र की बेरहमी से पिटाई कर दी.
लाठीचार्ज की कई वीडियो वायरल हुई जिसमें देखा जा सकता था कि शिक्षक अभ्यर्थी अनीसुर रहमान (Anisur Rehman) तिरंगा लिए जमीन पर लेटे हैं और एडीएम उन पर ताबड़तोड़ लाठियां बरसा रहें हैं. अनीसुर रहमान को एडीएम ने उसी हाथ पर डंडे से मारा जिस हाथ में उसने तिरंगा थामा हुआ था. एडीएम ने अनीसुर रहमान के सर, कान और हाथ में लाठी से मारा, जिसके बाद उसके कान से खून बहने लगा था.
वीडियो वायरल होने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ऐलान किया था कि मामले की जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी.
इनपुट- महीप राज
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