ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिहार में गोवा की ‘फेनी’ की तर्ज पर ‘नीरा’! 

नीरा का कारोबार शुरू करने की तैयारी में बिहार सरकार

Published
भारत
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद ताड़ी (ताड़ व खजूर के पेड़ का रस) की बिक्री पर भी रोक लगा दिए जाने के बाद सरकार विकल्प के तौर पर ‘नीरा’ की बिक्री को प्रोत्साहित देगी. नीरा को गोवा की ‘फेनी’ की तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई जा रही है. नीरा ताड़ का रस ही है, लेकिन इसमें नशा नहीं!

बिहार के उद्योग मंत्री का कहना है,

ताड़ी के कारोबार से जुड़े लोगों की आजीविका बंद न हो, इसलिए सरकार नीरा की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग व मार्केटिंग की कार्य-योजना को लेकर गंभीर है. चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक नीरा के कई रूप बाजार में आ सकते हैं. जून में घोषित होने वाली उद्योग नीति में सरकार यह योजना ला सकती है.
जयकुमार सिंह, उद्योग मंत्री

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ‘फेनी’ की तर्ज पर ‘नीरा’ की प्रोसेसिंग कर इसके विभिन्न नशाविहीन उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन देगी. बिहार सरकार इसी तर्ज पर नीरा को संरक्षण देगी, लेकिन ताड़ के रस से नशीले उत्पादों का निर्माण नहीं होने देगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फेनी गोवा का देसी पेय है, जो आम तौर पर काजू, सेब या नारियल के द्वारा बनाया जाता है. फेनी को वहां की सरकार संरक्षण दे रही है.

नीरा का कारोबार शुरू करने की तैयारी में बिहार सरकार
(फोटो: wikipedia commons)

ताड़ के पेड़ से नीरा चार महीने तक ही प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन सरकार की योजना है कि प्रोसेसिंग कर इसे बाद में भी पेय पदार्थ के रूप में उपलब्ध कराए जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि नीरा को लेकर एक योजना बनाई गई है. इसके लिए एक कमिटी भी बना दी गई है.

नीरा पर जानकारी जुटा रही है सरकार

तमिलनाडु में सबसे अधिक ताड़ का पेड़ है और इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च की मदद से वहां के कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 25 वर्षो से ताड़ के उत्पादों पर गहन अनुसंधान चल रहा है. वहां के वैज्ञानिकों से संपर्क किया गया है और पूरी जानकारी ली गई है.

ताड़ी से जुड़े एक कारोबारी बताते हैं कि सूर्य की किरण निकलने से पहले ताड़ के पेड़ का जो रस उतारा जाता है, उसे नीरा कहा जाता है. इसके अलावा, ताड़ के अन्य उत्पाद ‘खेदा’ भी गुणकारी पदार्थ है.

नीरा का कारोबार शुरू करने की तैयारी में बिहार सरकार
(फोटो: द न्यूज मिनट)

उद्योग मंत्री सिंह ने बताया कि ताड़ के रस के कारोबार से जुड़े लोगों का स्वयं सहायता समूह या सहकारिता समिति बनाई जाएगी तथा इन्हीं के माध्यम से नीरा का कलेक्शन और प्रोसेसिंग कराई जाएगी. नीरा के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार इसमें मदद करेगी.

राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार लोगों की बेहतरी के लिए काम कर रही है. ताड़ी के विकल्प नीरा के लिए भी योजना बनाई जा रही है.

सरकार का अनुमान है कि नीरा के कारोबार को बढ़ावा देकर एक ताड़ के पेड़ से एक साल में 6000 रुपये से अधिक की आमदनी प्राप्त की जा सकती है, लेकिन ताड़ी से इतनी आमदनी संभव नहीं थी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×