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MP विधायक मामला: BJP ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ EC में की शिकायत

16 विधायकों पर ‘अनुचित प्रभाव और दबाव’ डालने का आरोप लगाया

Published
भारत
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मध्य प्रदेश बीजेपी ने 18 मार्च को चुनाव आयोग से कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ शिकायत करते हुए उनपर बेंगलुरु में रह रहे 16 विधायकों पर 'अनुचित प्रभाव और दबाव' डालने का आरोप लगाया.

इससे पहले, बुधवार सुबह बेंगलुरु के रिसॉर्ट पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कर्नाटक पुलिस पर पार्टी विधायकों से मिलने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. गौरतलब है कि बागी विधायक इसी रिसॉर्ट में रुके हुए हैं.

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प्रदेश बीजेपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने इस बारे में एक ज्ञापन मुख्य चुनाव अधिकारी, चुनाव आयोग को सौंपा है.

प्रदेश बीजेपी ने ज्ञापन में चुनाव आयोग से कहा, ‘‘मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह, 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए 16 विधायकों को अपने पक्ष में वोट देने हेतु प्रभावित करने और दबाव डालने के लिए नौ कैबिनेट मंत्रियों और अन्य लोगों के साथ बेंगलुरु गए हैं. ये 16 विधायक इस समय बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं.’’

पत्र में आगे कहा गया है, ‘‘दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा चुनाव में अपने पक्ष में मतदान करने के लिए दबाव बनाने के लिए सभी 16 विधायकों से मिलने की कोशिश की है, लेकिन उन्होंने उनसे मिलने से इनकार कर दिया. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने मंत्रियों के साथ धरना दिया और स्थानीय प्रशासन के लिए कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश की.’’

बीजेपी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार होने के नाते विधायकों पर दबाव बनाना और प्रभावित करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

ज्ञापन में चुनाव आयोग से अनुरोध किया गया है कि सिंह और अन्य के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि राज्यसभा चुनाव शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक तरीके से कराए जा सकें.

गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किए जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं. 14 मार्च को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है.

इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है. ये सभी 22 सिंधिया समर्थक विधायक एवं पूर्व विधायक बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं. बेंगलुरु में इन 22 सिंधिया समर्थक विधायाकों और पूर्व मंत्रियों ने 17 मार्च की सुबह को पत्रकार वार्ता में बिना किसी कैद के अपनी स्वेच्छा से वहां रहने के बात कही और कहा कि यदि उन्हें केन्द्रीय सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए तो वह मध्यप्रदेश आने के लिए तैयार हैं.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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