पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि केंद्र की मोदी सरकार खुद को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का मालिक मानती है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता को नहीं समझती है.
लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए उन्होंने शक्तिकांता दास को आरबीआई का गवर्नर बनाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
नोटबंदी के मुखर समर्थक को बना दिया गया RBI का गर्वनर
चिदंबरम ने कहा कि यह चिंता की बात है कि जो अधिकारी नोटबंदी का मुखर समर्थक था, उसे देश के केंद्रीय बैंक में मुख्य पद पर बिठा दिया गया. उन्होंने उम्मीद भी जताई कि दास आरबीआई के अधिकारों और स्वायत्तता को समझेंगे.
चिदंबरम ने कहा,
“मुझे इस बात की चिंता है कि दो व्यक्तियों को दो अहम पद पर नियुक्त किया गया और दोनों ही व्यक्ति नोटबंदी के मुखर समर्थक थे.”
चिदंबरम ने कहा, "मैं शक्तिकांता दास से निष्ठापूर्वक उम्मीद और अपील करता हूं. आप अब आरबीआई के गवर्नर हैं और आर्थिक मामलों के सचिव, वित्त आयोग के सदस्य नहीं हैं. आप देश के केंद्रीय बैंक के गवर्नर हैं, और इसलिए आपको केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता और अधिकारों को समझना होगा."
तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत को बताया अद्भुत उपलब्धि
चिदंबरम ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में करीबी मुकाबले में कांग्रेस को मिली जीत को अद्भुत उपलब्धि करार दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद संसद में गैर भाजपाई दलों के संयोजन के बहुमत साबित करने के बाद तय होगा कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा.
विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत पर चिदंबरम ने कहा, "कांग्रेस में किसी ने नहीं सोचा था कि राजस्थान या मध्य प्रदेश में इतनी आसान जीत मिलेगी. पार्टी ने वोट शेयर, वोटों की संख्या के मामले बीजेपी से अच्छा प्रदर्शन किया है."
उन्होंने कहा, "बीजेपी के धोखे को समाज के विभिन्न वर्गों, किसानों, युवाओं, स्वरोजगार लोगों, कारोबारियों, दलितों और अल्पसंख्यकों ने पहचान लिया है."
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