इंडियन नेवी फाइटर प्लेन बनाने वाली कंपनी बोइंग से F/A-18 हॉरनेट लड़ाकू विमान खरीद सकती है. बोइंग अपने इन लड़ाकू विमानों को बेचने के लिए पूरा जोर लगा रही है. कंपनी का पूरा ध्यान भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया के डिफेंस मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर है.
सिंगापुर एयर शो में बोइंग के डिफेंस, स्पेस और सिक्यूरिटी वाइस प्रेसिडेंट जीन कनिंघ्म ने कहा कि अभी सौदा पक्का नहीं हुआ है. अभी इन विमानों का तकनीकी मूल्यांकन होना है. इसके बाद ही बात आगे बढ़ेगी. कंपनी भारत और कुछ अन्य कंपनियों को केसी-46 मल्टीरोल टैंकर भी बेचने का मौका तलाश रही है.
फाइटर प्लेन का सबसे बड़ा ऑर्डर
भारतीय नौसेना ने अपने विमान वाही पोतों के लिए पिछले साल 57 जेट विमानों खरीदने के प्रपोजल मंगाए थे. जबकि भारतीय वायुसेना ने 100 विमानों की जरूरत बताई थी. बोइंग और एसएएबी ने कहा है कि दोनों ऑर्डर एक साथ लिए जा सकते हैं. अगर भारतीय सेना ने इसे मंजूरी दे दी तो फाइटर प्लेन का अब तक सबसे बड़ा ऑर्डर होगा, जिस पर सौदेबाजी की जा सकती है.
मोदी सरकार अगले कुछ सालों में लड़ाकू विमानों और दूसरे सैनिक साजो-सामान पर 250 अरब डॉलर खर्च करेगी. इस बजट पर दुनिया भर की हथियार कंपनियों की नजर है. मेक इन इंडिया के तहत भी सरकार कई विदेशी हथियार कंपनियों से करार कर विमानों का उत्पादन यहीं करना चाहती है. बोइंग लॉकहिर्ड मार्टिन कॉरपोरेशन और कुछ दूसरी कंपनियों ने कहा है कि अगर उन्हें इतना बड़ा कांट्रेक्ट मिला तो वे यहां निवेश भी करेंगी.
बोइंग की निगाह अमेरिकी बाजार पर भी है. वह अमेरिका के T-X PROGRAMME पर भी नजर रख रही है. इसके तहत अमेरिकी वायुसेना में ट्रेनिंग देने के लिए विमान खरीदे जाएंगे. बोइंग की नजर 16 अरब डॉलर के बाजार पर है.
इनपुट- ब्लूमबर्ग क्विंट
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