बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) को नोटिस जारी किया है और उनसे एक हलफनामा दायर कर यह बताने के लिए कहा कि ज्ञानदेव वानखेड़े (Dnyandev Wankhede) और परिवार के खिलाफ बयानों के संबंध में पहले के आदेशों का "जानबूझकर उल्लंघन" करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, जबकि उन्होंने कोर्ट से कहा था कि वो ऐसा नहीं करेंगे.
ज्ञानदेव वानखेड़े NCB अधिकारी समीर वानखेड़े पिता हैं जिन्होंने नवाब मलिक के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में मानहानि का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी. इसके बाद 29 नवंबर को नवाब मलिक ने वानखेड़े परिवार के खिलाफ किसी भी मानहानिकारक बयान को तब तक पोस्ट नहीं करने का संकल्प लिया था जब तक कि इस मामले में कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता.
हालांकि ज्ञानदेव वानखेड़े ने 6 दिसंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर कर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने अदालत की अवमानना की है क्योंकि उन्होंने अदालत में वचन देने के बावजूद उनके परिवार के खिलाफ बयान देना जारी रखा है.
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