बॉम्बे हाईकोर्ट ने ISIS से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरिब मजीद को जमानत दे दी है. हाईकोर्ट ने एनआईए की स्पेशल कोर्ट के मार्च में दिए गए आदेश को ही बरकरार रखा है. आरिब को 'ट्रायल में हो रही देरी' की वजह से जमानत दी गई है.
मजीद को जमानत पर सख्त पाबंदियों के साथ छोड़ा जाएगा. शर्त ये रखी गई है कि उन्हें 1 लाख रुपये का पर्सनल बॉन्ड और सिक्योरिटी देनी होगी. मजीद कल्याण छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं और उन्हें दिन में दो बार नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करना होगा.
NIA की आदेश रद्द करने की मांग को कोर्ट ने ठुकराया
ASG अनिल सिंह ने NIA की तरफ से पैरवी करते हुए आदेश पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इस मांग को ठुकरा दिया और कहा- 'ये स्वतंत्रता का सवाल है और किसी आरोपी की इतने दिनों तक गिरफ्तारी उसके पक्ष में काम करती है.'
डिवीजन बेंच ने 3 घंटे तक की थी सुनवाई
जस्टिस शिंदे और जस्टिस मनीष पिटाले की डिविजन बेंच ने 4 फरवरी को इस मामले में 3 घंटे तक सुनवाई की थी. हाईकोर्ट ने इस मामलें में फैसला सुरक्षित रख लिया था. स्पेशल कोर्ट के फैसल के खिलाफ NIA ने हाईकोर्ट में अपील की थी. स्पेशल कोर्ट ने भी मजीद को जमानत देने का फैसला किया था.
हाईकोर्ट ने अपने 38 पेज के आदेश में कहा है कि - "वो लड़का एक शिक्षित घर से आता है. अगर उस पर सख्ती लगाई जाए और ट्रायल में सहयोग करने का वादा लिया जाए. तो इसकी जमानत से समाज को बड़े स्तर पर कोई नुकसान नहीं है. ये NIA कोर्ट में ट्रायल को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं करेगा."
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