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चंदा कोचर-शिखा शर्मा का बोनस अटका? अभी तक नहीं मिली RBI की मंजूरी 

विवादों की वजह से बोनस फंसा?

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रिजर्व बैंक ने ICICI बैंक की सीईओ चंदा कोचर, एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा का साल के आखिर में मिलने वाला बोनस फिलहाल रोकने का आदेश दिया है.

चंदा कोचर इन दिनों वीडियोकॉन इंडस्ट्री के प्रोमोटर वेणुगोपाल धूत के दिए गए 3250 करोड़ रुपए के कर्ज की वजह से विवादों में हैं. आरोप है कि लोन के बदले धूत ने कथित तौर पर उनके पति दीपक कोचर को फायदा पहुंचाया.

इसके अलावा एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा भी विवादों में हैं क्योंकि उनके कार्यकाल में एक्सिस बैंक ने गीतांजलि जेम्स को भारी भरकम लोन दिया था. इसके प्रोमोटर मेहुल चोकसी विदेश फरार हो चुके हैं.

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आदित्य पुरी को भी अभी तक बोनस नहीं

ब्लूमबर्ग क्विंट के मुताबिक इसके अलावा एचडीएफसी बैंक के एमडी आदित्य पुरी का भी बोनस रोका गया है, हालांकि इनको लेकर अभी किसी भी तरह का विवाद नहीं है.

ब्लूमबर्ग क्विंट ने रिजर्व बैंक के सूत्रों के हवाले से बताया कि एक्सिस बैंक, ICICI बैंक और HDFC बैंक देश के टॉप तीन प्राइवेट बैंक हैं. इन तीनों बैंकों के सीईओ को 31 मार्च 2017 के वित्तीय साल का बोनस नहीं दिया गया है क्योंकि रिजर्व बैंक ने अभी तक हरी झंडी नहीं दी है.

बैंक एनालिस्ट आशुतोष मिश्रा के मुताबिक आम तौर रिजर्व बैंक 31 मार्च के पहले ही बोनस को मंजूरी दे देता है. इसके पहले बोनस को मंजूरी देने में इतनी देरी नहीं हुई है.

करोड़ों रुपए का बोनस रुका

स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक तीनों बैंकों के बोर्डों ने बोनस को मंजूरी देकर इसे रिजर्व बैंक की मुहर के लिए भेज दिया था.

किसको कितना बोनस

  • चंदा कोचर को 2.2 करोड़ रुपए
  • शिखा शर्मा को 1.35 करोड़ रुपए
  • आदित्यपुरी को 2.9 करोड़ रुपए

एक्सिस बैंक के प्रवक्ता ने इस पर कुछ कहने से इनकार कर दिया. जबकि HDFC बैंक और ICICI बैंक के प्रवक्ताओं ने फोन या ई मेल का जवाब नहीं दिया. रिजर्व बैंक की तरफ से भी अभी तक ई-मेल का जवाब नहीं मिला है.

सालाना सैलरी भी करोड़ों में

( 2017

आदित्य पुरी- 10 करोड़ रुपए + 57 करोड़ रुपए स्टॉक + बोनस

चंदा कोचर- सैलरी 6 करोड़ रुपए+ बोनस

शिखा शर्मा- करीब 5 करोड़ रुपए + बोनस अतिरिक्त

प्राइवेट बैंक पहली बार मुश्किल में

लंबे वक्त से प्राइवेट बैंकों की इमेज सरकारी बैंकों के मुकाबले काफी बेहतर रही है. लेकिन करीब एक साल से प्राइवेट बैंक भी खराब लोन के उभरने से परेशानी में फंस रहे हैं. प्राइवेट बैंकों पर भी कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दे पर सवाल उठे हैं.

मार्च 2017 के खत्म होने वाले वित्तीय साल में रिजर्व बैंक के ऑडिट में पता चला था कि एक्सिस बैंक ने 5600 करोड़ रुपए के खराब लोन का खुलासा नहीं किया था.

कोटक इक्विटीज के एम बी महेश के मुताबिक प्राइवेट बैंकों के खराब लोन में काफी बढ़ोतरी होने की आशंका है.

(इनपुट ब्लूमबर्ग क्विंट)

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