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छह साल में 2838 पाकिस्तानी शरणार्थियों को मिली नागरिकता : निर्मला

निर्मला सीतारमण ने कहा, जो शरणार्थी आज से 50-60 साल पहले आए थे वो आज भी कैंपों में रह रहे हैं.

Published
भारत
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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) एनआरसी के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में आए शरणार्थियों को पिछले छह महीने के दौरान दी गई नागरिकता के ब्योरे दिए.

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चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल (2019) 2838 पाकिस्तानी शरणार्थियों, 948 अफगानी शरणार्थियों और 172 बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता दी गई. 1964 से 2008 तक देश में 4,00,000 से अधिक तमिलों (श्रीलंका से) को भारतीय नागरिकता दी गई है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 566 मुसलमानों को 2014 तक भारतीय नागरिकता दी गई थी. मोदी शासन में 2016 से 2018 तक 391 अफगानी मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दी गई थी.

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‘आरोप गलत,अदनान सामी को नागरिकता मिलना इसका सबूत’

उन्होंने कहा कि 2016 में अदनान सामी को भारतीय नागरिकता दी गई. यह बताता है कि मुसलमानों को भी नागरिकता दी गई.सीतारमण ने कहा कि जो लोग पूर्वी पाकिस्तान से भारत आए थे और उन्हें देश के विभिन्न शिविरों में रखा गया था. निर्मला ने कहा

वे आज भी उन्हीं कैंपों में हैं. 50-60 साल से वे वहीं हैं. अगर आप इन कैंपों का दौरा करेंगे तो दिल रो उठेगा. श्रीलंका से आए शरणार्थियों का भी यही हाल है. वे अब भी कैंपों में रह रहे हैं. उन्हें बेसिक सुविधाएं भी हासिल नहीं हैं.
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उन्होंने कहा कि इस कानून का मकसद लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाना है. सरकार किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीन नहीं रही है बल्कि नागरिकता देने के लिए यह कदम उठाया गया है. उन्होंने गायक अदनान सामी और बांग्लादेश से आईं लेखिका तस्लीमा नसरीन का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि 2016 से 18 के बीच 391 अफगान मुस्लिम और 1595 पाकिस्तानी प्रवासियों को नागरिकता दी गई है. उन्होंने कहा कि इससे हमारे ऊपर लगे सभी आरोप गलत साबित होते हैं.

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