दिल्ली की जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर खूब बवाल हुआ. इस कानून के खिलाफ सैकड़ों छात्रों ने संसद मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई. पुलिस का कहना है कि छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की और पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी भी हुई. वहीं छात्रों ने पुलिस पर जबरन लाठीचार्ज और टियर गैस छोड़ने का आरोप लगाया.
जामिया के छात्रों के साथ कई घंटों तक हुई झड़प के बाद पुलिस ने एक बयान जारी किया है. पुलिस की तरफ से जारी बयान के मुताबिक कई संगठनों ने जंतर-मंतर तक पहुंचने की कोशिश की. लेकिन यहां पहले से ही 1000 लोगों को प्रदर्शन की इजाजत दी जा चुकी थी. इसीलिए अन्य संगठनों को यहां आने से रोका गया.
इसी के तहत जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों को नई दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोका गया. लेकिन उन्होंने अपना प्रदर्शन उग्र कर दिया और पुलिस कर्मियों से भिड़ने लगे. छात्रों ने बैरिकेड तोड़े और पुलिस पर पत्थरबाजी भी की. इस पत्थरबाजी में पार्किंग में खड़े कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा. जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इस दौरान 42 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. इस पूरी झड़प में 12 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से दो की हालत गंभीर है. फिलहाल उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
एक तरफ जहां दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि छात्रों ने पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की. वहीं छात्रों का कहना है कि पुलिस ने उनके शांतिपूर्ण मार्च को रोककर लाठीचार्ज किया. जिससे कई छात्रों को चोट आई है. जामिया छात्रों ने भी दावा किया है कि पुलिस के लाठीचार्ज में सैकड़ों छात्र घायल हुए हैं.
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