भारत में बनी स्वदेशी मिसाइल ‘आकाश’ सवालों के घेरे में हैं. इस मिसाइल की शुरुआती जांच में ही 30% सैंपल फेल हो गए हैं. ये टेस्ट साल 2014 में अप्रैल से नवंबर के बीच किए गए. ये सारी जानकारी नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में संसद को सौंपी है.
रिपोर्ट में बताया गया कि मिसाइल अपने लक्ष्य से पीछे ही रह गई और इसकी गुणवत्ता भी कम है. इसलिए ये इतनी भरोसेमंद नहीं है कि युद्ध जैसे हालातों में भेजी जाए.
30% फेल, फिर भी 95% भुगतान
आकाश मिसाइल को भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड नाम की कंपनी ने बनाया है और अब तक कंपनी 95 फीसदी यानी करीब 3600 करोड़ रुपय का भुगतान भी कर दिया गया है.
आकाश को सिलिगुड़ी कॉरिडोर सहित चीन सीमा से लगे 6 स्थानों पर लगाना था, लेकिन अब इन कारणों से इसकी तैनाती नहीं होगी.
हालांकि यूपीए सरकार ने साल 2010 में सिलीगुड़ी कॉरिडोर में इस मिसाइल को तैनात करने की लिए मंजूरी दे दी थी. आकाश जमीन से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल है. ये 18 से 20 किलोमीटर तक की दूरी पर वार कर सकती है.
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