कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की पत्नी के खालिस्तान समर्थन से मिलने पर बवाल मचा है. कनाडा के ही एक सांसद रणदीप एस. सराय ने ट्रूडो के डिनर में खालिस्तान समर्थक जसपाल अटवाल को न्योता दिया था. विवाद होने पर उन्होंने इसके लिए माफी मांगी है.
इससे पहले गुरुवार को ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर बयान जारी किया था.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो दोषी साबित हो चुके खालिस्तान समर्थक जसपाल अटवाल को वीजा जारी करने के मामले में अपने मिशन से जानकारी हासिल कर रहा है.
अटवाल की मौजूदगी और वीजा दोनों अलग-अलग पहलू हैं. कनाडाई पक्ष ने पहले ही साफ कर दिया है कि इनविटेशन वापस ले लिया गया है. वीजा के बारे में मुझे नहीं पता कि ये कैसे हुआ. हम अपने आयोग से इसकी जानकारी लेंगे. हमें इस बारे में अटकलें नहीं लगानी चाहिए ना ही तय करना चाहिए कि वो किस तरीके से आने में सफल हुआ. हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. निश्चित रूप से हम इसका पता लगा लेंगे.रवीश कुमार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
वहीं इस पूरे मामले पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी बयान दिया है. उन्होंने बताया कि हम इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं. अटवाल को इनविटेशन नहीं मिलना चाहिए था. जैसे ही हमें जानकारी मिली, हमने इनविटेशन वापस ले लिया. संसद के एक मेंबर ने उसे इनवाइट किया था.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो फिलहाल भारत की यात्रा पर हैं. ट्रूडो के लिए 22 फरवरी को आयोजित होनेवाली डिनर पार्टी विवादों में घिर गई है, क्योंकि इसमें जसपाल अटवाल को भी बुलाया गया था.
हालांकि अब विवाद शुरू होने के बाद कनाडाई उच्चायोग ने अटवाल के निमंत्रण को रद्द कर दिया है.
इस सिलसिले में सोशल मीडिया पर कनाडा के पीएम की पत्नी सोफी ट्रूडो की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह बैन किए जा चुके इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन में सक्रिय रहे जसपाल अटवाल के साथ दिख रही हैं.
कनाडा के पीएम की पत्नी की यह तस्वीर मुंबई में 20 फरवरी को आयोजित हुए एक इवेंट की है.
कौन है जसपाल अटवाल
अटवाल पर 1986 में वैंकूवर आइलैंड पर भारतीय कैबिनेट मंत्री मलकीयत सिंह सिंधू की हत्या की कोशिश करने का आरोप है. उस समय वो अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और भारत में एक आतंकी समूह के तौर पर बैन किए गए इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के मेंबर थे. अटवाल को 1985 में एक ऑटोमोबाइल फ्रॉड केस में भी दोषी पाया गया था.
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