पिछले कुछ दिनों के दौरान हाई प्रोफाइल व्यक्तियों से जुड़े कार एक्सीडेंट की वजह से सीट बेल्ट की उपयोगिता चर्चा का विषय बन गई है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को ऐलान किया कि केंद्र सरकार अब एक कार में सफर करने वाले सभी लोगों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य कर देगी. उन्होंने कहा कि डिफॉल्टरों के लिए जुर्माना पहले ही तय किया जा चुका है, चाहे वो आगे की सीट पर बैठे हों या पीछे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक स्पेनिश स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि एक कार दुर्घटना में मरने वालों में से 24 प्रतिशत लोग सीटबेल्ट नहीं पहने हुए थे. राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन द्वारा प्रकाशित एक लेख में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 2017 में 14,955 लोगों की जान बचाई गई थी और 2020 में सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों का प्रतिशत 51 था.
हालांकि भारतीय सड़कों पर पिछले 20 वर्षों में निश्चित रूप से सुधार हुआ है इसलिए सीट बेल्ट से सुरक्षा का मुद्दा भारतीयों के लिए बेहद अहम है.
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रैफिक अधिकारियों का कहना है कि कड़े यातायात नियमों के बावजूद, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कारों, वैन और अन्य चार पहिया वाहनों की पिछली सीटों पर अधिकांश यात्री सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं.
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे लोगों को सीट बेल्ट पहनने के लिए प्रेरित करने के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में चालक या उसमें सवार लोगों की लापरवाही से हुए सड़क हादसों में 1,900 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल अपराधियों को सीट बेल्ट नहीं लगाने, अनुचित पार्किंग, लाल बत्ती कूदने और तेज गति से वाहन चलाने के लिए 1.2 करोड़ से अधिक नोटिस जारी किए थे.
नए संशोधित कानून में कैसे नियम बनाए गए हैं?
नए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम, धारा 194बी के तहत, जो कोई भी बिना सेफ्टी बेल्ट के कार चलाता है या बिना सीट बेल्ट के यात्रियों को ले जाता है, उस पर जुर्माना लगाया जाएगा.
कानून तोड़ने पर कितना जुर्माना लगाया जाएगा?
सेफ्टी बेल्ट से संबंधित नियम तोड़ने वाले शख्स पर चालान की राशि 1,000 रुपये है. अधिनियम की एक उप-धारा में यह भी कहा गया है कि एक बच्चे (14 वर्ष से कम आयु) को भी सेफ्टी बेल्ट के साथ सुरक्षित करना जरूरी है.
नियम तोड़ने वालों को पकड़ने के लिए क्या व्यवस्था की गई है?
यातायात पुलिस मौजूदा वक्त में 6,000 कर्मियों के कर्मचारियों के साथ काम कर रही है. अपराधियों को पकड़ने और यातायात की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न सड़कों, बाजारों और क्षेत्रों में 420 से अधिक टीमों को तैनात किया गया है.
जनता को किस तरह से जागरूक किया जा रहा है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सीनियर अधिकारियों का कहना है कि वे कुछ जिलों में कानून के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए विशेष अभियान चलाते हैं. यह अभियान पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, द्वारका और उत्तरी दिल्ली में चलाया गया. अब अपराधियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरों का भी उपयोग किया जा रहा है.
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