सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को 6 दिन के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया.
सीबीआई ने 3 फरवरी को यादव सिंह को गिरफ्तार किया था. उन पर ठेकों के आवंटन में अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
सीबीआई ने यादव सिंह को विशेष न्यायाधीश जी. श्रीदेवी की अदालत में पेश कर 14 दिन की हिरासत मांगी थी.
बचाव पक्ष के वकील की दलील ठुकराई
बचाव पक्ष के वकील अमित खेमका ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस मामले की पहले ही अच्छे तरीके से जांच कर इसे बंद कर चुकी है. लेकिन अदालत ने इस दलील को नहीं माना और यादव को छह दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ था केस
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेेंच की ओर से 16 जुलाई, 2015 को इस संबंध में आदेश जारी किया गया था. इसके बाद सीबीआई ने 30 जुलाई 2015 को यादव और कुछ अन्य के खिलाफ लगभग 9,202 लाख की लागत से भूमिगत केबल बिछाने का मामला दर्ज किया.
यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत मामले दर्ज किए गए थे.
नोएडा पुलिस ने भी दर्ज की थी प्राथमिकी
इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने 13 जून 2012 को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरणों के तत्कालीन चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
यादव सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अज्ञात लोगों और कंपनियों के साथ मिलकर ठेके देने में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की है और खुद को और निजी कंपनियों को करोड़ों का लाभ पहुंचाया है.
नोएडा में स्पेशल सेशन कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट पेश की गई, जिसे अदालत ने नवंबर 2014 में मंजूर कर लिया.
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