- CBI ने 24 घंटे में पहली बार आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना पर मुंह खोला
- CBI के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना अपने पद पर काबिज हैं
- जब तक आरोपों की जांच चल रही है तब तक नागेश्वर राव सीबीआई डायरेक्टर का कामकाज देखेंगे
- कारोबारी मनोज प्रसाद को 5 दिन की CBI कस्टडी में भेजा गया
- IB ने कहा, वर्मा के घर के बाहर पकड़े गए चारों कर्मचारी रुटीन पेट्रोलिंग पर थे
आलोक वर्मा की याचिका पर SC में आज होगी सुनवाई
CBI चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी. अचानक छुट्टी पर भेजे जाने के बाद आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था.
'आलोक वर्मा, राकेश अस्थाना को हटाया नहीं गया'
CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर एजेंसी का पहला बयान आया है. एजेंसी ने कहा, वर्मा और अस्थाना अपने-अपने पद पर काबिज हैं. जब तक आरोपों की जांच चल रही है तब तक नागेश्वर राव सीबीआई डायरेक्टर का कामकाज देखेंगे. सीबीआई ने राफेल डील की खबरों को भी गलत बताया है.
मनोज प्रसाद को 5 दिन की CBI कस्टडी में भेजा गया
दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने कारोबारी मनोज प्रसाद को पांच दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजा है. मनोज प्रसाद बिजनेसमैन और इन्वेस्टमेंट बैंकर है. उसकी दुबई में क्यू कैपिटल नाम की कंपनी है.
मनोज प्रसाद पर आरोप है कि उसने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को घूस दी. सीबीआई की एंटी-करप्शन यूनिट ने 17 अक्टूबर को मनोज को दुबई से दिल्ली लौटने के बाद गिरफ्तार किया था.
सतीश बाबू सना ने अस्थाना पर बिचौलिए मनोज प्रसाद के जरिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. अस्थाना की अगुवाई वाली टीम ने ही सना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. सना ने कई बार देश से भागने की कोशिश की, लेकिन सीबीआई की सख्ती की वजह से वह कामयाब नहीं हो सका.
मनोज प्रसाद से सना की मुलाकात दुबई में हुई थी. सना ने प्रसाद को सीबीआई से समन मिलने के बारे में बताया था. मनोज प्रसाद ने सना को आश्वस्त किया था कि वह सीबीआई से क्लीनचिट दिलाने में उसकी मदद करेगा. मनोज ने उसे बताया था कि वह क्लीनचिट दिलाने में अपने भाई सोमेश की मदद लेगा, जिसके सीबीआई में लिंक हैं.
पकड़े गए कर्मचारी रुटीन पेट्रोलिंग पर थे: IB
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर गुरुवार को खुफिया ब्यूरो (आईबी) के चार लोग पकड़े गए थे. इसे लेकर आईबी ने किसी भी तरह के संदेह को खारिज करते हुए कहा है कि ये उनके कर्मचारी हैं और वो वहां रुटीन पेट्रोलिंग पर थे.
आईबी ने एक बयान में कहा, "आईबी के पास सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के हालात को प्रभावित करने वाली बातों पर खुफिया जानकारी इकट्टी करने की जिम्मेदारी है. इसलिए कर्मचारियों को नियमित रूप से संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाता है."