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CBI अफसर ने SC में याचिका देकर डोभाल और कानून सचिव को भी लपेट लिया

सीबीआई ज्वाइंट डायरेक्टर एम के सिन्हा उन अफसरों में शामिल हैं, जिनका रात दो बजे तबादला कर दिया गया था.

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भारत
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सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर मनीष कुमार सिन्हा की सुप्रीम कोर्ट में याचिका ने हड़कंप मचा दिया है. सिन्हा ने याचिका में दो बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. पहला कि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की जांच में सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) दखलंदाजी कर रहे हैं.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सिन्हा की याचिका की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. ज्वाइंट डायरेक्टर ने चीफ जस्टिस की बेंच से कहा कि वो कोर्ट के सामने चौंकाने वाली बातें रखना चाहते हैं. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा हमें कुछ भी नहीं चौंकाता.

दूसरा आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जब सीवीसी जांच चल रही थी, तब कानून सचिव सुरेश चंद्र ने सना सतीश पर दबाव डालने की कोशिश की थी और उसे कैबिनेट सेक्रेटरी पीके सिन्हा का कथित मैसेज दिया था.
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अस्थाना के खिलाफ घूस मामले की जांच कर रहे सीबीआई ज्वाइंट डायरेक्टर एम के सिन्हा उन अफसरों में शामिल हैं, जिनका रात दो बजे तबादला कर दिया गया था.

मनीष कुमार सिन्हा ने जो याचिका दी है वो चौंकाने वाली है. आइए बताते हैं याचिका में क्या क्या आरोप लगाए गए हैं.

  • राकेश सिन्हा के खिलाफ शिकायत करने वाले कारोबारी सना सतीष बाबू ने उन्हें (एम के सिन्हा) बताया कि कोयला और खान राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी को सीबीआई मामले में कथित मदद के लिए करोड़ों रुपए की घूस दी गई. चौधरी गुजरात से सांसद हैं. सिन्हा का आरोप है कि इस मामले में शामिल दो बिचौलिए एनएसए अजीत डोभाल के करीबी हैं.
  • सीबीआई ज्वाइंट डायरेक्टर ने याचिका में दावा किया है कि डोभाल ने राकेश अस्थाना की जांच वाले मामले में दखल दिया और उनके घर में सर्च नहीं होने दी.

सामंत गोयल भी पिक्चर में आए

  • सिन्हा की याचिका के मुताबिक ट्रैकिंग के दौरान रॉ ऑफिसर सामंत गोयल की बातचीत पकड़ी गई जिसमें वो कह रहे थे कि पीएमओ ने सीबीआई मामला मैनेज कर लिया है और अस्थाना मामले की जांच कर रही पूरी टीम को उसी रात हटा दिया गया है.
  • सिन्हा ने ये दावा भी किया कि मोइन कुरैशी मामले में सना सतीश बाबू ने चीफ विजिलेंस कमिश्नर के वी चौधरी से मुलाकात की थी.
  • याचिका के मुताबिक जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आलोक वर्मा मामले की सीवीसी जांच चल रही थी. उसी दौरान कानून सचिव सुरेश चंद्र ने 11 नवंबर को सना सतीश बाबू से संपर्क किया था और उस पर दबाव डालने की कोशिश की थी.
  • सिन्हा के मुताबिक मनोज प्रसाद (बिचौलिए) के मुताबिक, रॉ के ज्वाइंट सेक्रेटरी के तौर पर रिटायर हुए दिनेश्वर प्रसाद के अजीत डोभाल से अच्छे रिश्ते हैं. याचिका में दावा किया गया है कि मनोज प्रसाद को गिरफ्तार करके जब सीबीआई मुख्यालय लाया गया तो उसने गुस्से में कहा कि डोभाल से करीबी संबंध होने के बावजूद मुझे गिरफ्तार करने की हिम्मत कैसे हुई.
  • याचिका के मुताबिक प्रसाद का दावा है कि उसके भाई सोमेश और सामंत गोयल के अजीत डोभाल को एक बेहद निजी काम में मदद की है.
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आलोक वर्मा को डोभाल ने कार्रवाई करने से रोका?

  • सिन्हा का दावा है कि 15 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने 17 अक्टूबर को एनएसए डोभाल को इसके बारे में जानकारी दे दी. इसके बाद उसी रात डोभाल ने ये बात अस्थाना को बता दी.
  • याचिका में बताया गया है कि राकेश अस्थाना ने कथित तौर पर डोभाल से मिन्नत की कि उन्हें गिरफ्तार होने से बचाया जाए.
  • सिन्हा ने आरोप लगाया है कि जब जांच अधिकारी ए के बस्सी ने अस्थाना के सभी मोबाइल फोन जब्त करने और उनके घर पर छानबीन की मंजूरी मांगी तो सीबीआई डायरेक्टर ने इसकी मंजूरी देने के बजाए बताया कि NSA ने ऐसा करने से मना कर दिया है.
  • ज्वाइंट डायरेक्टर का आरोप है कि 22 अक्टूबर को फिर अस्थाना के मोबाइल फोन जब्त करने और घर पर छापे की मंजूरी मांगी गई पर फिर मना कर दिया गया. जब डायरेक्टर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि NSA ने इसके लिए साफ इनकार कर दिया है.
  • सिन्हा का दावा है कि 20 अक्टूबर को जब डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार के घर छापे डाले जा रहे थे तब भी सीबीआई डायरेक्टर ने उन्हें तुरंत रोकने को कहा और यही बताया गया कि डोभाल ऐसा करने के लिए कह रहे हैं.
  • ज्वाइंट डायरेक्टर ने अपनी याचिका में सबसे चौंकाने वाली बात ये कही है कि बस्सी ने जब मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया तो दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के डीसीपी ने उन्हें फोन किया लेकिन बस्सी ने फोन नहीं उठाया. बाद में स्पेशल सेल के एक दूसरे इंस्पेक्टर ने फोन करके पूछा कि क्या मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है. उसने पूछे जाने पर बताया कि कैबिनेट सचिवालय से ये जानकारी मांगी गई है.
  • सामंत गोयल की ट्रैक की गई बातचीत का हवाला देते हुए सिन्हा ने आरोप लगाया कि पीएमओ के कहने पर सीबीआई के टॉप अधिकारियों को हटाया गया.
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CVC जांच के दौरान कानून सचिव ने सना से बात की

  • आरोप है कि जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई डायरेक्टर की सीवीसी जांच चल रही थी उस दौरान कानून सचिव सुरेश चंद्र ने सना से बातचीत करने और दबाव डालने की कोशिश की.
  • याचिका में दावा है कि 8 नवंबर को सना ने वॉट्सऐप पर सुरेश चंद्र से बात की. कानून सचिव ने कहा कि वो नीरव मोदी केस के सिलसिले में लंदन आए हुए हैं और चार पांच दिन से उससे बात करने की कोशिश करके कैबिनेट सेक्रेटरी पी के सिन्हा का संदेश देना चाहते हैं.
  • याचिका में सनसनीखेज दावा किया गया है कि कानून सचिव ने सना सतीश को कैबिनेट सचिव का मैसेज दिया कि केंद्र सरकार उसे पूरी सुरक्षा देगी. साथ ही सुरेश चंद्र ने सना से कहा कि मंगलवार 13 तारीख को बड़े बदलाव होंगे और सना उनसे (सुरेश चंद्र) से 14 को मिले.
  • सिन्हा ने ये दावा भी किया कि सना ने इसके पहले मोइन कुरैशी केस में सीवीसी के वी चौधरी से मुलाकात की.
  • सना ने ये खुलासा भी किया कि उसने सीवीसी के वी चौधरी के रिश्तेदार और डीपीएस के मालिक जी रमेश के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी. इसके बाद सीवीसी ने राकेश अस्थाना के घर फोन किया और पूछताछ की. अस्थाना ने सीवीसी को बताया कि उनके खिलाफ ज्यादा सबूत नहीं हैं.
  • याचिका में कहा गया है कि उनका नागपुर ट्रांसफर मनमाना और दुर्भावना से भरा है जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ सिन्हा तो प्रताड़ित करना है.

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