सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के बाद केंद्र सरकार की ओर से अब इस दिशा में एक और बड़ा फैसला लिया गया है. सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण को लागू करने के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में सीटों के इजाफे का फैसला किया गया है. ऐसा इसलिए किया जाएगा, ताकि आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को आरक्षण का फायदा दिया जा सके.
आने वाले समय में इस फैसले के तहत आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी समेत अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटी और संस्थानों में करीब 3 लाख सीटों के इजाफे की बात कही जा रही है.
IIT में 5100, IIM में 800 सीटों का इजाफा
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस नए फैसले के तहत सरकार ने शैक्षिक सत्र 2019-20 और 2020-21 में दो चरणों के जरिए सीटों के इजाफे की प्रक्रिया को पूरा करने का फैसला किया है. इसके तहत हर केंद्रीय शैक्षिक संस्थान में करीब 25 फीसदी सीटों के इजाफा किया जा सकता है. ऐसे में साल 2021 तक आईआईटी में करीब 5100 नई सीटें बनेंगी. दूसरी ओर, आईआईएम में भी करीब 800 सीटों का इजाफा होने का अनुमान है.
केंद्रीय संस्थाओं के साथ-साथ सरकार ने राज्यों को भी अपने शैक्षिक संस्थानों में ऐसी व्यवस्था को लागू करने के लिए खत लिखा है.
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी सीटें बढ़ेंगी
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के इस नए फैसले के बाद सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी सीटें बढ़ाई जाएंगी. दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसे बड़े यूनिवर्सिटी में करीब 16000 नई सीटों का इजाफा किया जाएगा. इससे बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स को इसका फायदा हासिल होगा. वहीं विश्व भारती यूनिवर्सिटी में 822 और जेएनयू में 346 अतिरिक्त सीटों पर दाखिले लिए जाएंगे.
आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से फंड पाने वाले सभी शिक्षण संस्थाओं में करीब 9.3 लाख स्टूडेंट्स के एडमिशन की व्यवस्था है. इस संख्या में आईआईटी, आईआईएम, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, सभी केंद्रीय यूनिवर्सिटी, सेन्ट्रल ओपन यूनिवर्सिटी, सरकारी कॉलेज, डीम्ड यूनिवर्सिटी और केंद्र सरकार से अनुदान राशि मिलने वाले कॉलेजों की सीटें शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक सीटों के इजाफे के इस फैसले के बाद अब सेंट्रल यूनिवर्सिटीज ने भी अपनी-अपनी सीटों का कैलकुलेशन करना शुरू कर दिया है. सीटों में होने वाले इजाफे के लिए जरूरी बजट की रिपोर्ट बनाई जा रही है, जिसे जल्द ही एचआरडी मंत्रालय को भेजा जाएगा. वहीं दूसरी ओर सरकार अब प्राइवेट संस्थाओं में भी आरक्षण की इस व्यवस्था को लागू कराने के लिए विचार कर रही है.
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