देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. 30 मार्च को देश में कोरोना के 56 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पॉजिटिविटी रेट का राष्ट्रीय औसत 5.65% है. हालांकि, केंद्र ने इनकार कर दिया है कि 'गंभीर और तेज रफ्तार संक्रमण' के लिए भारत में कोरोना वायरस के डबल म्यूटेशन स्ट्रेन जिम्मेदार हैं.
अभी तक देश में वायरस के यूके वैरिएंट के 807 मामले, साउथ अफ्रीकन वैरिएंट के 47 और ब्राजीलियन स्ट्रेन का एक मामला दर्ज हुआ है. NDTV की रिपोर्ट कहती है कि देश की 10 राष्ट्रीय लैब में 11,000 से ज्यादा सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए इसका पता चला है.
पिछले हफ्ते में यूके स्ट्रेन के 71 और साउथ अफ्रीकन वैरिएंट के 13 मामले बढ़े हैं.
भारतीय स्ट्रेन कुछ नहीं है: केंद्र
कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी आने के बीच केंद्र सरकार ने किसी भारतीय स्ट्रेन की मौजूदगी से इनकार किया है. ऐसी खबरें थी कि भारत में डबल म्यूटेंट स्ट्रेन की वजह से तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है.
ICMR के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा, "भारतीय स्ट्रेन जैसा कुछ नहीं है. परेशान होने की कोई बात नहीं है. म्यूटेशन कभी-कभी होते हैं."
“जहां तक भारत की बात है, डबल म्यूटेशन महत्वपूर्ण नहीं हैं और संक्रमण की गंभीरता और तेजी से फैलने से इसका संबंध अभी तक स्थापित नहीं किया गया है.”बलराम भार्गव, ICMR के डायरेक्टर जनरल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना की स्थिति भारत में पिछले कुछ हफ्तों में 'बद से बदतर हो गई है.' हालांकि, केंद्र इसे डबल म्यूटेशन का नतीजा मानने से इनकार कर रहा है.
वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर नेशनल एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन वीके पॉल ने कहा, "जब हमें लगा कि हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं, ये तेज हो गया." पॉल ने भी संक्रमण बढ़ने में म्युटेंट स्ट्रेन की भूमिका से इनकार किया.
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