कर्नाटक में एक विवाद ने दक्षिणपंथी हलकों में भूचाल ला दिया है. बेंगलुरु सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने एक फेमस हिंदुत्व एक्टिविस्ट चैत्रा कुंडपुरा (Chaithra Kundapura) और उनके छह सहयोगियों को 12 सितंबर को गिरफ्तार किया था. चैत्र कुंडपुरा और अन्य आरोपियों पर एक व्यवसायी गोविंद बाबू पुजारी को बीजेपी का टिकट दिलाने के नाम पर धोखा देने के आरोप है.
बंदेपाल्या पुलिस स्टेशन में 8 सितंबर को दायर FIR के अनुसार, पूर्व टीवी एंकर 27 साल की कुंडपुरा, जिनका ABVP से संबंध है, उन्होंने कथित तौर पर एक विस्तृत योजना बनाई और 44 साल के गोविंद बाबू पुजारी को करोड़ों रुपये का चूना लगाया.
चैत्र कुंडापुरा और उनके सहयोगियों ने, कथित तौर पर RSS और BJP के साथ अपनी निकट संबंध का 'दिखावा' करते हुए, पुजारी को हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बिंदूर निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी का टिकट देने का वादा किया था.
द क्विंट के पास मौजूद FIR में कहा गया कि गोविंद बाबू पुजारी को अपने जाल में फंसाने के लिए उन्होंने कथित तौर पर एक्टर्स को पैसे देकर RSS नेता का रोल प्ले करने के लिए हायर किया था.
लेकिन कुंडापुरा का विवाद से नाता और गिरफ्तारी कोई नई बात नहीं है. भड़काऊ भाषण देने से लेकर मुस्लिम विरोधी रैलियों में भाग लेने तक, पिछले कुछ साल में हिंदुत्व की पोस्टर गर्ल के रूप में वो आश्चर्यजनक रूप से उभरी हैं.
चलिए यहां जानते हैं कौन हैं कुंडपुरा और उनसे जुड़े विवाद
हेट स्पीच और हमला करने के आरोप में बटोरी सुर्खियां
कर्नाटक के उडुपी जिले के एक तटीय शहर कुंडापुर में जन्मी दक्षिणपंथी नेता के फेसबुक बायो में दावा किया गया है कि वे RSS की छात्र शाखा एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य हैं.
उन्होंने मैंगलोर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की और वे 'समय न्यूज' और 'स्पंदना टीवी' जैसे स्थानीय न्यूज चैनल में काम कर चुकी हैं.
उन्होंने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) जैसे दक्षिणपंथी समूहों के कार्यक्रमों में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए कई भड़काऊ स्पीच दी. इसके अलावा, वे विशेष रूप से तटीय कर्नाटक में मुस्लिम विरोधी रैलियों और कैम्पेन का भी हिस्सा रही हैं.
छात्र आंदोलन: चैत्रा 2015 में ABVP में प्रमुखता से उभरीं, जब उन्होंने बिंदूर में पीयू कॉलेज के दो छात्रों रत्ना कोठारी और अक्षता देवाडिगा के लिए न्याय की मांग करते हुए एक आंदोलन का नेतृत्व किया था. रत्ना का 2014 और अक्षता की 2015 में रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या कर दी गई थी.
हमला करने के आरोप में गिरफ्तार: द मिंट के अनुसार, 2018 में, कुंडापुरा और पांच अन्य लोगों को हिंदू जागरण वेदिक तालुक सचिव गुरुप्रसाद पांजा पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. एक अनुष्ठान आयोजित करने के दौरान दोनों में विवाद हुआ था, आरोप लगा कि इसी के चलते कुंदापुरा के एक सहयोगी ने गुरुप्रसाद पांजा पर स्टील की रॉड से हमला किया था.
उन पर आईपीसी 351 (हमला) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
भड़काऊ भाषण: अक्टूबर 2021 में, मंगलुरु पुलिस ने सुरथकल में बजरंग दल और दुर्गावाहिनी कार्यक्रम में 'हेट स्पीच' देने के आरोप में चैत्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अपने भाषण में, उन्होंने मुसलमानों को "लव जिहाद बंद करने" की चेतावनी दी और कहा "अगर वे 'लव जिहाद' जारी रखते हैं, तो बजरंग दल के कार्यकर्ता उनके समुदाय की महिलाओं के साथ भी ऐसा ही करना शुरू कर देंगे."
उन्होंने यह भी कहा कि वे "मुस्लिम महिलाओं को उनके घरों से बाहर लाएंगे, उनका बुर्का उतरवाएंगे और उन मांग में कुमकुम (सिंदूर) लगाएंगे."
लव जिहाद पर किताब: द मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, कुंडापुरा ने 'लव जिहाद' पर 'प्रेमा पाशा' (Love Loop) नाम से एक किताब भी लिखी है. ये किताब दक्षिणपंथियों के उस नैरेटिव को प्रमोट करती है कि मुस्लिम पुरुष जबरन धर्मांतरण के जरिए हिंदू और ईसाई महिलाओं को फंसाते हैं.
बीजेपी के लिए प्रचार: मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए, कुंडापुरा ने उत्तरी कर्नाटक में बीजेपी के लिए प्रचार किया था.
अब किस मामले में हुईं गिरफ्तार?
गोविंद बाबू पुजारी, जो बेंगलुरु में रहते हैं और शेफटॉक फूड एंड हॉस्पिटैलिटी के प्रबंध निदेशक हैं, ने कथित तौर पर जून 2022 में एक स्थानीय बीजेपी नेता के माध्यम से कुंडापुरा से मुलाकात की. गोविंद का दावा है कि उनका परिचय चिक्कमगलूर बीजेपी जनता युवा मोर्चा (BJYM) के सचिव गगन कदुर से करवाया गया.
FIR के अनुसार, गगन कदुरऔर कुंडापुरा दोनों ने उन्हें बिंदूर निर्वाचन क्षेत्र के लिए बीजेपी का टिकट देने का वादा किया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पीएम ऑफिस और केंद्रीय गृह मंत्री कार्यालय सहित ऊंची जगह पर सबंध हैं.
पुजारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आरोपियों ने विश्वनाथ जी नाम का एक कैरेक्टर गढ़ा और उनसे मिलवाया. जिसके बारे में उनका दावा था कि वह उत्तर भारत में एक प्रमुख RSS नेता थे.
पुजारी ने 4 जून 2022 को तथाकथित RSS नेता से मुलाकात की, जिसने दावा किया कि वह BJP और आरएसएस की केंद्रीय चयन समिति का हिस्सा था. उन्होंने पुजारी को 3.5 करोड़ रुपये में टिकट देने की पेशकश की. यहां तक कि कथित RSS नेता ने टिकट नहीं मिलने पर पैसे वापस करने का वादा किया.
मुलाकात के तुरंत बाद, गोविंद पुजारी ने शिवमोग्गा में कदुर को 50 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया था. बाद में उन्हें बताया गया कि उन्हें बिंदूर टिकट के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था.
एक अन्य व्यक्ति, नायक, जिसने बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति का हिस्सा होने का दावा किया था, उसने बताया कि उसे बिंदूर उम्मीदवार के रूप में फाइनल किया गया है. एफआईआर के अनुसार, पुजारी ने अक्टूबर 2022 में शेष 3 करोड़ रुपये आरोपियों को दे दिए.
कई महीनों बाद, मार्च 2023 में, कुंडापुरा ने पुजारी को फोन किया और उन्हें बताया कि विश्वनाथ जी की कश्मीर में सांस संबधी समस्या के बाद मौत हो गई. संदेह होने पर उन्होंने पूछताछ की तो पता चला कि असल में कोई विश्वनाथ जी हैं ही नहीं.
पुजारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि कुंडापुरा और कदुर ने विश्वनाथ जी का किरदार निभाने के लिए रमेश नाम के एक एक्टर और नायक का रोल प्ले करने के लिए स्ट्रीट वेंडर को काम पर रखा था. उन्हें कथित तौर पर रोल प्ले करने के लिए क्रमशः 1.2 लाख रुपये और 93 हजार रुपये दिए गए.
बीजेपी ने विवाद से किया किनारा
हालांकि, बीजेपी ने खुद को इस विवाद से अलग कर लिया है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गुरुवार, 14 सितंबर को कहा कि पार्टी का इस मामले से "कोई संबंध नहीं" था.
बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि..
जांच के बाद "सच्चाई सामने आ जाएगी" और मामले में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी छवि का दुरुपयोग करने वाले ऐसे लोगों के बारे में गंभीरता से सोचेगी.बसवराज बोम्मई, कर्नाटक सीएम
इन धाराओं में आरोपी गिरफ्तार
कुंडापुरा और कदुर के अलावा, गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में धनराज, श्रीकांत, प्रज्वल और रमेश शामिल हैं. उन पर IPC की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 419 और 420 (धोखाधड़ी), 170 (एक लोक सेवक का रूप धारण करना), 506 (आपराधिक धमकी), और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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