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भारत के लिए चिंता, पाकिस्तान में मिलिट्री बेस बना सकता है चीन!

अमेरिका रक्षा विभाग पेंटागन की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक चीन पकिस्तान में अपने सैन्य शिविरों की स्थापना कर सकता है

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भारत
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अमेरिका रक्षा विभाग पेंटागन की एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन पकिस्तान में अपने सैन्य शिविरों की स्थापना कर सकता है. चीन के ऐसा करने से भारत के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है.

अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन का जिबूती के सामरिक क्षेत्र में सैन्य बेस का निर्माण ऐसा पहला कदम है. हो सकता है कि इस तरह दुनिया में वो अपने मित्र देशों के बंदरगाहों पर सैन्य अड्डे बनने का आगाज करेगा.

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पेंटागन ने कहा, ‘‘चीन अपने सैन्य शिविर की स्थापना उन देशों में करना चाहेगा जिन देशों के साथ उसके लंबे समय से दोस्ताना संबंध और समान सामरिक हित जुड़े रहे हैं जैसे कि पाकिस्तान और ऐसे देश जहां विदेशी सेना की मेजबानी के उदाहरण देखने को मिले हैं.''

इस रिपोर्ट में बार-बार चीन के पहले नेवी बेस जिबूती का हवाला दिया गया है. यह चीन का विदेश में बन रहा पहला नेवी बेस है. जिबूती सामरिक दृष्टि से काफी अहम है. हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिमी मुहाने पर जिबूती में चीन की पोजीशन से भारत पहले से ही चिंतित है, क्‍योंकि यह भी चीन की ‘पर्ल ऑफ स्ट्रिंग’ योजना का हिस्सा है. इस योजना के तहत महासागर के चारों ओर चीन की मिलिट्री एलायंस और बेस स्‍थापित करने की योजना है  

रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जाहिर की गयी है कि कुछ देशों को मजबूरी में अपनी इच्छा के विपरीत अपने बंदरगाहों पर चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी की मौजूदगी का समर्थन करना पड़ सकता है.

गौरतलब है कि चीन बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह का विकास कर रहा है और कई अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने यह कदम वहां अपनी सैन्य मौजूदगी रखने के मकसद से उठाया है.

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