अरुणाचल प्रदेश में अचानक 5 लोगों के गायब होने के बाद चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) पर आरोप लगाया गया कि उसने इन पांचों को बंदी बनाया है. लेकिन चीन की तरफ से इसे लेकर कहा गया कि उन्हें इन पांच भारतीयों को लेकर किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं है. वहीं अरुणाचल प्रदेश पुलिस का कहना है कि अब तक किसी का भी पता नहीं लग पाया है और लगातार जांच जारी है.
ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस मामले को लेकर दिए गए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान का जिक्र किया है. जिसमें चीनी प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय सेना की तरफ से अरुणाचल क्षेत्र में 5 भारतीय लोगों के लापता होने का मैसेज भेजे जाने को लेकर हमें कोई जानकारी नहीं है.
सिर्फ इतना ही नहीं चीन ने अपना दुस्साहस दिखाते हुए एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को ही मानने से इनकार कर दिया और इसे साउथ तिब्बत का हिस्सा बताया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल एक रिपोर्ट में बताया गया कि अरुणाचल इलाके से करीब 5 लोग अचानक गायब हो गए. बताया जा रहा है कि तेजिन समुदाय के ये पाचों लोग जंगल में शिकार करने गए थे, लेकिन लौटकर नहीं आए. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने कहा कि इन्हें चीनी सेना उठाकर ले गई. इस मामले को लेकर बीजेपी सांसद किरेन रिजेजू ने 6 सितंबर को ट्विटर पर कहा था कि,
भारतीय सेना ने इस बारे में चीनी सेना को मैसेज भेज दिया है. अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर प्वाइंट पर ये मैसेज भेजा गया है. फिलहाल हम चीन की तरफ से आने वाले जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक अगवा किए गए लोगों के नाम तोच सिनकम, प्रसात रिंगलिंग, दोंग्तु इबिया, तानु बेकर और नागरू दिरि हैं. इन्हें चीन की सेना ने जंगल से उस समय अगवा किया, जब वो शिकार के लिए वहां गए थे. अरुणाचल टाइम्स की खबर के मुताबिक इन पांचों युवकों के साथ 2 और लोग थे, जो किसी तरह से वहां से भागने में कामयाब हो गए. इस घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है.
अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस एमएलए निनॉन्ग एरिंग ने एबीपी न्यूज को बताया था कि चीनी आर्मी ने पांच युवकों को अगवा कर लिया है. उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच तनाव चल रहा है इसीलिए चीन की तरफ से ध्यान भटकाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है.
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