भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. हालांकि, रिटायरमेंट से पहले वह कई अहम मामलों पर फैसला सुना सकते हैं.
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं. सुप्रीम कोर्ट अब 4 नवंबर को दोबारा खुलेगा. इसके बाद कोर्ट में 11 और 12 नवंबर को छुट्टी रहेगी. इस तरह CJI गोगोई के पास 8 कामकाजी दिन बचे हैं. चलिए, उन 5 बड़े मामलों पर एक नजर दौड़ाते हैं, जिन पर CJI गोगोई फैसला सुना सकते हैं:
अयोध्या मामला
CJI गोगोई के रिटायरमेंट से पहले जिन मामलों पर फैसला आ सकता है, उनमें अयोध्या का रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला काफी अहम माना जा रहा है. इस मामले पर CJI गोगोई की अगुवाई वाली 5 जजों की संविधान बेंच फैसला सुना सकती है. इस बेंच में CJI गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता के जरिए समाधान खोजने की कोशिश नाकाम रहने के बाद संविधान बेंच ने 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई की थी. यह सुनवाई 16 अक्टूबर तक चली. बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2010 में अयोध्या मामले की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को 3 पक्षकारों (सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला) के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दायर हुईं.
राफेल मामला
10 मई को CJI गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि दिसंबर के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थीं.
'चौकीदार चोर है' बयान मामला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ वाला बयान देने के लिए राहुल पर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है. CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच मीनाक्षी लेखी की याचिका पर फैसला सुना सकती है.
सबरीमाला मामला
CJI गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान बेंच केरल के सबरीमाला मंदिर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका पर फैसला सुना सकती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को एंट्री की अनुमति का आदेश दिया था.
CJI कार्यालय का RTI के अंदर आने का मामला
4 अप्रैल को जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान बेंच ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था कि CJI का कार्यालय सूचना के अधिकार (RTI) के अंदर आएगा या नहीं. दरअसल इस मामले पर जनवरी 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि CJI का कार्यालय सूचना का अधिकार कानून के दायरे में आता है. इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उसके सेक्रेटरी जनरल और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने 3 अपील दायर की थीं.
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