भारत के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने 8 मार्च को स्पष्ट किया कि उनका एक रेप आरोपी से पूछना कि क्या वो 'महिला से शादी करेगा' को मीडिया में 'गलत तरीके' से पेश किया गया. CJI बोबडे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 'महिलाओं के प्रति सर्वोच्च सम्मान' रखता है.
चीफ जस्टिस का स्पष्टीकरण उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर मचे बवाल के बाद आया है. CJI बोबडे ने 1 मार्च को 23 साल के एक सरकारी कर्मचारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये सवाल किया था. इस शख्स पर छह साल पहले एक 16 साल की लड़की के रेप का आरोप है.
सुनवाई के दौरान CJI बोबडे ने आरोपी से पूछा था, "क्या तुम इससे शादी करोगे?"
'मीडिया ने गलत रिपोर्ट किया'
लाइव लॉ के मुताबिक, चीफ जस्टिस का स्पष्टीकरण 8 मार्च को एक 14 साल की रेप सर्वाइवर की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया. इस याचिका में लड़की ने गर्भपात कराने की इजाजत मांगी है.
बयान में याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को ‘लड़की की तरफ उदार रवैया’ दिखाने के लिए शुक्रिया कहा. इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा, “ये सुन कर अच्छा लगा. पिछले दो हफ्तों में हमने इससे अलग ही बातें सुनी हैं.”
इसके बाद चीफ जस्टिस ने अपनी पूर्व की टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा, "उस सुनवाई में भी हमने ये सुझाव नहीं दिया था कि उसे शादी करनी चाहिए. हमने पूछा था कि क्या तुम शादी करोगे!"
किस केस में की थी CJI ने टिप्पणी?
महाराष्ट्र से जुड़े बलात्कार के एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 1 मार्च को सुनवाई हुई थी. बलात्कार के अभियुक्त पर नाबालिग स्कूली लड़की से कई बार रेप करने का आरोप था. इस मामले में अभियुक्त ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी.
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने अभियुक्त से पूछा “कि क्या तुम रेप पीड़िता से शादी करोगे?”
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “लड़की के साथ छेड़खानी और बलात्कार करने से पहले आपको सोचना चाहिए था कि आप एक सरकारी कर्मचारी हैं.”
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा कि, “हम शादी का दबाव नहीं डाल रहे हैं, लेकिन यह बताओ कि तुम शादी करना चाहते हो या नहीं, वरना तुम कहोगे कि हमने शादी के लिए दबाव डाला.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)