ग्रेटर नोएडा से मेगा फूड पार्क शिफ्ट होने की खबरों के बीच यूपी के सीएम योगी ने इस मुद्दे पर बाबा रामदेव से फोन पर बात की है. मंगलवार रात योगी ने बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की है. और अब उम्मीद है कि ये मेगा फूड पार्क उत्तर प्रदेश से बाहर शिफ्ट नहीं होगा.
उत्तर प्रदेश के मंत्री सतीश महाना ने बताया, “मुख्यमंत्री योगी ने कल बाबा रामदेव से बात की. दरअसल उस जमीन का आवंटन पतंजलि आयुर्वेद के नाम पर किया गया था, लेकिन बाद में वे इसे पतंजलि फूड्स के तहत चाहते थे. एक और एमओयू पर हस्ताक्षर करने की कोई जरूरत नहीं है. इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा.”
इससे पहले मंगलवार को रामदेव के सहयोगी और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि ग्रेटर नोएडा में मेगा फूड पार्क के लिए दी गई जमीन का आवंटन योगी सरकार ने रद्द कर दिया है. इसके बाद बालकृष्ण ने सरकार पर उदासीन रवैये का आरोप लगाते हुए प्रोजेक्ट को दूसरे राज्य में शिफ्ट करने की भी बात कही थी.
‘425 एकड़ की जमीन, 6 हजार करोड़ इंवेस्टमेंट’
पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा में 425 एकड़ में ये मेगा फूड पार्क बनने जा रहा था. 6 हजार करोड़ के इंवेस्टमेंट की योजना थी. तिजारावाला का दावा है कि इससे लाखों किसानों की जिंदगी में बदलाव आता और एनसीआर का नक्शा ही बदल जाता.
बता दें कि नवंबर 2016 में पतंजलि कंपनी ने यूपी सरकार के साथ मिलकर करीब 2 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मेगा फूड पार्क के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. उस दौरान बड़े स्तर पर इसका प्रचार किया गया था.
इसी साल यूपी में हुआ था इंवेस्टर्स समिट
यूपी में इसी साल जनवरी के महीने में इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था, जिसमें शामिल होने के लिए देश के कई उद्योगपति लखनऊ पहुंचे थे. इस तरह के इवेंट का मकसद राज्य में निवेशकों को बुलाना था लेकिन अब पतंजलि कंपनी के राज्य सरकार पर आरोप दूसरे निवेशकों को भी निराश कर सकते हैं.
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