कई दिनों तक हाड़ कपाने वाली सर्दी से जूझने के बाद दिल्ली को मंगलवार 31 दिसंबर को कुछ आराम मिला है. घने कोहरे की चादर हटी और सूरज खिल गया जिससे दिल्लीवासियों को कुछ राहत मिली है. लगभग दो हफ्तों तक कोल्ड वेव का सामना करने के बाद आखिरकार सर्दी में कुछ कमी आई है.
प्राइवेट फोरकास्टिंग एजेंसी स्काईमेट वेदर के सीनियर साइंटिस्ट महेश पालावत बताते हैं कि सोमवार 30 दिसंबर की शाम से 14-15 किमी की रफ्तार से चलने वाली पूर्वी हवाओं ने कोहरे को पंजाब और हरियाणा की तरफ भेज दिया है. इससे दिल्ली में आसमान खुल गया.
इसकी वजह से न्यूनतम तापमान सोमवार के 2.8 डिग्री सेल्सियस से मंगलवार को 4.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. अधिकतम तापमान भी 14.6 डिग्री सेल्सियस रहा.
पलावत ने कहा कि 'सर्दी का बुरा दौर' अभी के लिए बीत गया है और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस में अनियमितता से उत्तर-पश्चिम से सर्द हवाएं भी ज्यादा दिन नहीं चलेंगी.
मौसम विभाग का कहना है कि 4 जनवरी तक दिल्ली में कोई कोल्ड वेव नहीं होगी और तापमान बढ़ेगा. 1 जनवरी को नए साल के मौके पर दिल्ली में थोड़ा कोहरा रहेगा और गुरुवार 2 जनवरी को हल्की बारिश होगी.
दिल्ली पर सर्दी की 'थर्ड डिग्री'
लंबी चली कोल्ड वेव और धूप की कमी से पारा लगातार गिरता रहा. घने कोहरे की वजह से हालात और खराब हुए. इसकी वजह से सोमवार 30 दिसंबर 1901 के बाद से दिसंबर का सबसे सर्द दिन बन गया.
मौसम विभाग के रीजनल वेदर फोरकास्टिंग सेंटर के हेड कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि मंगलवार 31 दिसंबर भी एक और 'सर्द दिन' ही रहा.
इसी के साथ दिसंबर ने लगातार 18 'सर्द दिन' देखे या फिर ये कह सकते हैं कि 18 दिनों तक 'सर्दी का प्रकोप' झेला. ये 1997 के दिसंबर में 17 दिन की कड़कड़ाती सर्दी के बाद सबसे ज्यादा रहा.
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