बहुत से लोगों की जिंदगी में ऐसा होता होगा जब छोटे-छोटे पल उनके लिए बड़ी चीज बन जाएं. महाराष्ट्र के अकोला के कलेक्टर जी. श्रीकांत ने कुछ ऐसा ही किया, जो उनके ड्राइवर दिगंबर थाक के लिए हमेशा के लिए यादगार बन गया.
दिगंबर थाक 58 साल के हैं. और पिछले 18 साल से कई बड़े अधिकारियों के ड्राइवर के तौर पर काम कर चुके हैं. रिटायरमेंट के वक्त पर जब दिगंबर की बेटी की शादी का मौका आया तो डीएम जी. श्रीकांत उसमें शामिल होने गए. जब दिगंबर की बेटी विदाई होने लगी तो श्रीकांत खुद ड्राइवर बनकर उनकी बेटी को घर तक छोड़कर आए.
जी. श्रीकांत से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जो जवाब दिया वह भी सुनने लायक था.
35 साल तक दिगंम्बर जी ने राज्य की सेवा की है. 18 साल से वह कलेक्टरों को लाते ले जाते रहे हैं. मैं उनकी बेटी की शादी को यादगार बनाना चाहता था, ताकि वह इस दिन को ताउम्र के लिए याद रखें.जी श्रीकांत, कलेक्टर, अकोला
मान गए कलेक्टर साहब, आपने सिर्फ दिगंबर थाक के लिए ही इस दिन को यादगार नहीं बनाया है, बल्कि सभी को एक अच्छी सीख भी दी है.
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