14 नवंबर भारत के दिन प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pt.JawaharLal Nehru) की जयंती होती है, जिसको बाल दिवस (Children'sDay) के रूप में मनाया जाता है. साथ ही इस दिन संसद में पारंपरिक समारोह आयोजित किया जाता है.
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर संसद के पारंपरिक समारोह में लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा चेयरमैन और केंद्र सरकार के मंत्री नदारद रहे.
14 नवंबर को प्रत्येक वर्ष संसद के सेंट्रल हॉल में नेहरू के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है.
'इससे भी बुरा कुछ हो सकता है?'
राज्यसभा में कांग्रेस के प्रमुख जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा कि पार्लियमेंट के सेंट्रल हॉल में जिनकी तस्वीर लगी है, आज उनके लिए होने वाले पारंपरिक समारोह में असाधारण दृश्य देखने को मिला है. प्रोग्राम में न तो लोकसभा स्पीकर, न ही राज्यसभा के चेयरमैन और एक भी मंत्री नहीं उपस्थित था. क्या इससे भी बुरा कुछ हो सकता है?
अन्य विपक्षी दलों ने भी की निंदा
TMC के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने जयराम रमेश के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि मुझे अब कोई आश्चर्य नहीं है. एक दिन यह सरकार संसद सहित भारत के महान संस्थानों को नष्ट कर देगी.
रविवार, सुबह सेंट्रल हॉल में आयोजित समारोह में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने भाग लिया.
इसके अलावा, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संसद के अन्य सदस्य उपस्थित थे.
जवाहरलाल नेहरू के चित्र का अनावरण संसद भवन के सेंट्रल हॉल में 5 मई, 1966 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एस राधाकृष्णन ने किया था.
पोस्टरों से भी गायब नेहरू की तस्वीर
स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के लिए शुरू की गई बड़ी मुहिम 'आजादी का अमृत महोत्सव' के लिए बनाए गए पोस्टरों में भी नेहरू की तस्वीर नहीं नजर आई थी, जिसके बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा था.
सरकार के इस फैसले पर पलटवार करते हुए रमेश ने ट्वीट किया था कि यह आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन फिर भी यह कदम अत्याचारी है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता गौरव गोगोई ने कहा कि कोई भी देश उस वेबसाइट से प्रथम प्रधानमंत्री को नहीं हटाता है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम का जिक्र हो. यह एक अन्याय था.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR) ने खुद को अपमानित किया है.
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय के तहत ऑटोनॉमस बॉडी ICHR ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मुहिम के तहत स्वतंत्रता संग्राम पर व्याख्यान और सेमिनारों की एक श्रृंखला चला रहा है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)