महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के बीच 'न्यूनतम साझा कार्यक्रम' में लगभग सहमति बन चुकी है. इस बीच शनिवार को तीनों पार्टियों के नेता महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से किसानों के हित के मुद्दे पर चर्चा के लिए मुलाकात करने वाला थे लेकिन अब ये मुलाकात रद्द हो गई है. एनसीपी की तरफ से बताया गया है कि जल्द ही आगे की तारीफ बताई जाएगी.
इससे पहले एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने बताया था कि तीनों पार्टियों ने किसानों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यपाल से वक्त मांगा था.
बता दें इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से मुलाकात कर किसानों के मुद्दे पर चर्चा की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को बाला साहब ठाकरे की पुण्यतिथि पर सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है.
कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व के साथ-साथ शरद पवार भी लगातार कांग्रेस के आलाकमान के साथ संपर्क में हैं. इस सिलसिले में अहमद पटेल ने सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी.
तीनों पार्टियों में सत्ता के बंटवारे को लेकर हुआ विमर्श
महाराष्ट्र सरकार में कुल 42 मंत्री होंगे. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक शिवसेना खुद के लिए 16, एनसीपी के लिए 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद देना चाहती है. लेकिन कांग्रेस तीनों पार्टियों को 14-14 मंत्रीपद के बंटवारे के पक्ष में है. उसका कहना है कि भले ही पार्टी की सीटें कम हों, लेकिन सरकार बनाने के लिए सभी को एक-दूसरे की जरूरत है.
वहीं एनसीपी अहम और बड़े मंत्रालयों पर नजर रख रही है. पार्टी गठबंधन सरकार में गृह, वित्त और शहरी विकास जैसे अहम मंत्रालय चाहती है. एनसीपी का कहना है कि शिवसेना से उसकी सिर्फ दो सीटें कम हैं. ऊपर से शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद दिया जा रहा है. ऐसे में पार्टी को अहम मंत्रालय मिलने चाहिए.
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