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राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस का पहला अधिवेशन,ये है प्लान

महाअधिवेशन में तय होगी पार्टी के भविष्य की दिशा

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में पार्टी का पहला अधिवेशन शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है. तीन दिन तक चलने वाले इस महाअधिवेशन में पार्टी की दशा और दिशा तय की जाएगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, महाधिवेशन में इस बार नेताओं के बजाय कार्यकर्ताओं पर ध्यान केन्द्रित रहेगा.

महाधिवेशन की शुरुआत संचालन समिति की बैठक से होगी. इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में पार्टी की चुनावी रणनीति के जरिये पार्टी की दिशा तय होगी. इन चुनावों में कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करना चाहती है. बता दें कि कांग्रेस का यह 84 वां महाअधिवेशन है.

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ये चार प्रस्ताव पारित करेगी पार्टी

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी इस अधिवेशन में चार प्रस्ताव पारित करेगी. इनमें राजनीतिक, आर्थिक, विदेशी मामलों और कृषि, बेरोजगारी, गरीबी उन्मूलन के विषय शामिल होंगे. पार्टी प्रत्येक क्षेत्र के बारे में अपना दृष्टिकोण रखेगी और मौजूदा हालातों से उसकी तुलना की जाएगी.

संचालन समिति की शुक्रवार की बैठक के बाद सभी प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाएगा.

राहुल गांधी के भाषण से शुरू होगा महाधिवेशन सत्र

महाधिवेशन सत्र की शुरुआत 17 मार्च की सुबह पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के उद्घाटन भाषण से होगी. दो दिन के गहन विचार विमर्श सत्र में राजनीतिक स्थिति सहित दो प्रस्तावों को पहले दिन लिया जाएगा. अंतिम दिन दो प्रस्तावों पर विचार होगा, जिनमें बेरोजगारी से संबंधित प्रस्ताव होगा.

महाधिवेशन का समापन भी कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण से होगा, जिसमें वह आगामी चुनावों के लिए पार्टी की योजनाओं की दिशा तय करेंगे. सूत्रों ने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में समान विचारों वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने के बारे में पार्टी की योजना का संकेत मिलेगा.

विपक्षी दलों का मोर्चा खड़ा करना चाहती है कांग्रेस

कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दलों का एक बड़ा मोर्चा बनाने का प्रयास करना चाहती है. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डिनर पार्टी में 20 विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर इस दिशा में पहल की है.

कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘इस बार अन्य सत्रों की तुलना में महाधिवेशन अलग होगा क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष नेताओं की तुलना में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देना चाहते हैं.'' कांग्रेस प्रमुख की बजाय ध्यान कार्यकर्ताओं पर केन्द्रित होगा, जिन्हें पार्टी की भावी रणनीति के बारे में बोलने का मौका दिया जाएगा.

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