राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने एक बहुत बड़ा दांव खेला है. पार्टी आलाकमान ने राज्य की सीएम वसुंधरा राजे के सामने बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को उतारा है. वसुंधरा झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ती रही हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें मानवेंद्र से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है. मानवेंद्र पहले बीजेपी में ही शामिल थे लेकिन वसुंधरा से अनबन के चलते उन्होंने बीते अक्टूबर में कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 32 उम्मीदवारों की शनिवार को दूसरी सूची जारी कर दी है. उसी में झालरापाटन विधानसभा सीट के सामने मानवेंद्र सिंह का नाम लिखा है. एक नजर कांग्रेस के उम्मीदवारों पर डालिए.
2003 से वसुंधरा राजे झालरापाटन सीट पर चुनाव लड़ती आई हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे ने इस सीट पर कांग्रेस की मीनाक्षी चंद्रावत को 60896 वोट से हराया था. राजे को 114384 और मीनाक्षी को 53488 वोट मिले थे. इससे पहले 2008 में वसुंधरा राजे ने कांग्रेस के मोहन लाल को हराया था.
लेकिन मानवेंद्र के सामने आने से वसुंधरा की डगर थोड़ी कठिन होगी. इलाके में राजपूत समुदाय वसुंधरा से काफी नाराज है. मानवेंद्र खुद राजपूत हैं और अपने समुदाय में उनकी जबरदस्त पकड़ है. इसके अलावा सिंधी और मुस्लिम समुदाय में भी मानवेंद्र का पलड़ा काफी भारी है.
2013 से चल रही थी मानवेंद्र की नाराजगी
2013 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से मानवेंद्र ने बीजेपी के लिए जीत दर्ज की थी. इसके बावजूद उन्हें पार्टी और सरकार में कहीं भी कोई स्थान नहीं दिया गया. उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उनके पिता जसवंत सिंह को बाड़मेर सीट से लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया. ऐसा माना जाता है कि वसुंधरा राजे ने ही जसवंत सिंह का टिकट कटाया था.
2014 में जसवंत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. मानवेंद्र ने पिता के साथ रहकर बीजेपी के उम्मीदवार कर्नल सोनाराम के खिलाफ प्रचार किया. जिसके बाद बीजेपी ने मानवेंद्र को पार्टी से सस्पेंड कर दिया. तभी से बीजेपी और सिंह परिवार के बीच खींचतान चल रही थी.
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