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क्या प्रज्ञा ठाकुर को PM मोदी से माफी मिल गई?

प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में शामिल किया गया है.

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भारत
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वीडियो एडिटर: इरशाद आलम

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे को चीख-चीखकर देशभक्त बताने वाली और मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर, आजकल देश की संसद में बैठती हैं. प्रज्ञा ठाकुर भोपाल से बीजेपी की सांसद हैं और अब उन्हें एक और खास जिम्मेदारी थमा दी गई है. उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में शामिल किया गया है.

राजनाथ सिंह इस कमेटी की अगुवाई कर रहे हैं और कमेटी में कुल 21 सदस्य हैं. प्रज्ञा ठाकुर ने जब नाथूराम को देशभक्त बताया था, खूब हो-हल्ला मचा. बीजेपी की किरकिरी होने लगी तो पार्टी ने प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस थमा दिया था. बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कहा था कि वो कभी प्रज्ञा ठाकुर को मन से माफ नहीं कर पाएंगे.

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प्रधानमंत्री ने कहा था-

गांधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत खराब है और समाज के लिए बहुत गलत हैं. ये अलग बात है कि उन्होंने माफी मांग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ नहीं कर पाऊंगा

विपक्ष हमलावर

विपक्षी नेता और सोशल मीडिया पूछ रहा है कि क्या प्रज्ञा ठाकुर की बहकी हुई जुबान इनाम का सबब बनी है. अब एक बात और समझने की कोशिश करते हैं जो कांग्रेस उठा रही है, जब बीजेपी ने 300 से ज्यादा सीटें हैं तो क्या उन्हें इस समिति के लिए प्रज्ञा ठाकुर से बेहतर कोई नहीं मिला? पूछा जा रहा है कि क्या कोई ऐसा नहीं मिला जिसकी छवि साफ हो, धार्मिक कट्टरवाद से ग्रस्त तो न हो. ये फैसला आते ही सोशल मीडिया पर प्रज्ञा ठाकुर ट्रेंड करने लगी हैं. कुछ लोग इस फैसले की जमकर आलोचना कर रहे हैं.

नाथूराम के भक्तों के अच्छे दिन: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल का कहना है कि प्रज्ञा ठाकुर को इनाम दिया गया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि फैसला साफ करता है कि नाथूराम गोडसे के भक्तों के लिए ये अच्छे दिन हैं. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पूछ रहे हैं कि क्या एक आतंकी हमले की आरोपी देश के रक्षा मामलों के फैसले लेने के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार है. सीपीआई (एम) नेता मोहम्मद सलीम ने ट्विटर पर लिखा, "जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अबदुल्ला, महबूबा मुफ्ती को घर में नजरबंद करके रखा है, लेकिन एक आतंकी हमले की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर, जो जमानत पर बाहर हैं उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति में शामिल किया जाता है."

अब एक बात और याद दिला दें कि ये वही प्रज्ञा ठाकुर हैं जिन्होंने 26/11 के मुंबई हमले में शहीद पुलिस ऑफिसर हेमंत करकरे की शहादत तक के खिलाफ भी बयान दिया था. प्रज्ञा का कहना था कि प्रज्ञा ने करकरे को श्राप दिया, इसलिए आतंकियों ने उन्हें मार दिया. ये तो सिर्फ एक उदाहरण हैं, प्रज्ञा के विवादित बयानों की तो पूरी लिस्ट है, आखिर में हमारी बस इतनी ही गुजारिश है कि राजनीतिक विवादों में भर भर के योगदान देने वाली प्रज्ञा ठाकुर उस डिफेंस कमेटी में योगदान दे दें, जिनमें उन्हें शामिल किया गया है.

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