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झोलाछाप डॉक्टर को कोरोना ट्रेनिंग का आदेश देने वाले अफसर सस्पेंड

चिट्ठी में लिखा था, कोरोनावायरस से बचाव के लिए झोला छाप चिकित्सकों की पहचान उन्हें इलाज के लिए ट्रेनिंग दें

Published
भारत
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कोरोना मरीजों के इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों को ढूंढ़ने का आदेश देने वाले सिवान के सिविल सर्जन पर एक्शन लिया गया है. सिविल सर्जन अशेष कुमार को निलंबित कर दिया गया है. क्विंट ने 31 मार्च को सिविल सर्जन के चिट्ठी को लेकर खबर की थी, जिसके बाद सिविल सर्जन पर कार्रवाई हुई है. बिहार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ डिपार्टमेंट संजय कुमार ने इस बात की जानकारी दी है.

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संजय कुमार ने कहा, “चिट्ठी वापस ले ली गई है और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए सिविल सर्जन को निलंबित कर दिया गया है.”

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि सिवान के जिला स्वास्थ्य समिति के सिविल सर्जन जॉक्टर अशेष कुमार ने आधिकारिक रूप से सिवान के सदर अस्पताल और महाराजगंज के सब डिविजनल हॉस्पीटल के डिप्टी सुप्रीटेंडेंट, और PHC के सभी इंचार्ज मेडिकल ऑफिसर को 25 मार्च को चिट्ठी लिखकर झोला छाप डॉक्टरों के लिए निर्देश दिया था.

चिट्ठी में लिखा था कि नोवेल कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी प्रखण्डों में झोला छाप चिकित्सकों की पहचान करते हुए उन्हें इलाज के लिए ट्रेनिंग देना है.
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जब इस मामले पर क्विंट ने सिविल सर्जन से बात की तो वो कई तरह के जवाब देते रहे, उन्होंने कहा, “इस देश में एमबीबीएस डॉक्टर बनते ही कितने हैं? बड़े शहर में एमबीबीएस मिल ही नहीं रहे हैं, तो गांव में आपको एमबीबीएस कहां से मिलेगा. ऐसे भी गांव में लोग इन्हीं (झोलाछाप डॉक्टर) लोगों के पास जाते हैं, इसलिए ये ऐसे हालात में काम ही आएंगे.” अपना बचाव करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि ये डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर के स्तर पर बना था, काम बहुत था, इसलिए जल्दी-जल्दी में हम हस्ताक्षर कर दिए.

बिहार में अबतक 24 कोरोना पॉजिटिव केस

चिट्ठी में लिखा था, कोरोनावायरस से बचाव के लिए झोला छाप चिकित्सकों की पहचान उन्हें इलाज के लिए ट्रेनिंग दें

बिहार में अब कोरोनावायरस के मामले बढ़कर 24 हो गए हैं. बिहार सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक 7 मामले मुगेर, 5 पटना, 5 सिवान, 2 नालंदा, 2 गया, एक बेगुसराय, एक गोपालगंज और एक लखिसराय में पाया गया है.

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