केंद्र सरकार ने कहा है कि हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा और ऐहतियाती कदमों को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाना होगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने 8 मई को कहा कि देश में COVID-19 मरीजों की संख्या दोगुने होने का समय पहले के मुकाबले कम हुआ है. उन्होंने बताया, ''दो दिन पहले तक औसतन 12 दिन में संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी हो रही थी लेकिन आज यह औसत 10 दिन का है.''
अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि इन दिनों ‘क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए’ का अगर कड़ाई से पालन किया गया, तो COVID-19 के मामलों को चरम पर पहुंचने से रोका जा सकता है.
अग्रवाल ने कहा, ‘‘ऐसे में जब हम लॉकडाउन में छूट या ढील की बात कर रहे हैं और प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घर लौट रहे हैं, तो हमारे सामने एक बड़ी चुनौती पैदा हो रही है और हमें अब कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा.’’ संयुक्त सचिव ने कहा, ‘‘और जब हम वायरस के साथ जीना सीखने की बात कर रहे हैं तो यह अहम है कि खुद को वायरस संक्रमण से बचाने के लिए दिशा-निर्देशों को पूरा समाज अपने अंदर समाहित करे और उसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाए.’’
उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती है और सरकार को इसके लिए समाज का सहयोग चाहिए. बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में लॉकडाउन में कुछ छूट देते हुए लोगों से कहा था कि अब शहर को खोलने का वक्त आ गया है और सभी को इस कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में COVID-19 के 39834 एक्टिव केस हैं, जबकि अब तक 59662 कन्फर्म केस सामने आए हैं.
भारत में कोरोना वायरस के चलते 1981 लोगों की मौत हो चुकी है. 17846 ठीक/डिस्चार्ज हो चुके हैं. कुल कन्फर्म केस में एक माइग्रेटेड मरीज भी शामिल है.
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