छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान और पंजाब जैसे विपक्ष शासित राज्यों ने कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा पर चिंता जताई है. इन राज्यों का कहना है कि इन्हें वैक्सीन के टीका लगाने के क्रम में की जा रही जल्दबाजी समझ से परे है.
बता दें केंद्र ने ऐलान किया है कि 13 जनवरी से वैक्सीन लगाए जाने का कैंपेन शुरू किया जा सकता है.
कांग्रेस के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ ने भारत बॉयोटेक के स्वदेशी वैक्सीन को फेज-3 ट्रॉयल के बिना अपने राज्य में अनुमति देने से इंकार कर दिया है. वहीं झारखंड सरकार ने केंद्र से जल्दबाजी में किए गए वैक्सीन रोलऑउट पर जानकारी मांगी है. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने कोवैक्सिन वैक्सीन में आंकड़ों की कमी के आधार पर सवाल उठाए हैं.
इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा,
हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि सरकार इतनी जल्दबाजी में इसे पास कैसे कर सकती है. जब हमारे पास एक वैक्सीन उपलब्ध है, तो इसके लिए इतनी जल्दबाजी करने की जरूरत क्यों है. फेज-3 ट्रॉयल के बिना कवैक्सिन को लगाया जाना सुरक्षित नहीं होगा.टी एस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़
वहीं झारखंड के स्वास्थ्यमंत्री ने साफ कहा है कि वे अपने स्वास्थ्यकर्मियों को "लेबोरेटरी के जानवर" नहीं बनने देंगे. झारखंड इस बात की पूरी जानकारी लेना चाहेगा कि उन्हें कितनी मात्रा में और कौन सी वैक्सीन दी जा रही है. झारखंड सरकार ने वैक्सीन को पूरी तरह मुफ्त भी किए जाने की मांग की है.
राजस्थान सरकार ने कोवैक्सिन के निर्माता भारत बॉयोटेक और SII (एस्ट्रोजेनेका-ऑक्सफोर्ड की तकनीक पर आधारित कोविडशील्ड का निर्माता) में हुए शब्दों के टकराव पर सवाल उठाया है. ऐसे में किसी भी शक को दूर करने के लिए दोनों कंपनियों को साझा वक्तव्य देते हुए अपने बीच के विवाद को सुलझाना चाहिए. सरकार ने यह भी कहा है कि अभी कोवैक्सिन के बारे में आंकड़ों की कमी है.
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