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COVID 19 से धारावी में मौत: 23 - 28 मार्च तक क्यों अनजान रही BMC?

महाराष्ट्र के धारावी में एक शख्स की मौत के बाद BMC में हड़कंप मच गया है.

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महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. महाराष्ट्र के धारावी में कोरोना वायरस संक्रमण से एक शख्स की मौत हो गई है. वहीं, BMC के एक वर्कर के संक्रमित होने की जानकारी मिली है. हालांकि ये साफ नहीं है कि दोनों व्यक्तियों के बीच कोई संबंध था. अब एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी में कोरोना वायरस की मौजूदगी ने महाराष्ट्र सरकार और BMC के लिए खतरे की घंटी बजा दी है.

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कोरोना वायरस से संक्रमित 56 साल के शख्स की मौत 1 अप्रैल को हुई. लेकिन इस शख्स की मौत और उसके बारे में मिली जानकारी बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के नेटवर्क पर सवाल खड़े कर रही है.

शख्स ने मौत से पहले निजी अस्पताल में इलाज कराया था और अब शख्स की मौत के बाद निजी अस्पताल के डॉक्टर को भी क्वॉरंटीन किया गया है.

23 मार्च को शख्स की खराब हुई थी तबीयत

जानकारी के मुताबिक, 56 साल का शख्स धारावी में कपड़े के दुकान का मालिक था. उसकी तबीयत 23 मार्च को खराब हुई थी. हल्की तबीयत खराब होने के वजह से उसने पास के ही एक निजी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया, उसके बाद भी ठीक नहीं होने के कारण 5 दिन बाद यानी 28 मार्च को वह सायन अस्पताल में भर्ती हुआ. सायन में सरकारी अस्पताल है. शख्स की जब कोरोना टेस्ट कराई गई तो उसका टेस्ट रिपोर्ट 31 मार्च को पॉजिटिव आया और 1 अप्रैल की उसकी मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, शख्स सायन अस्पताल में भर्ती होने से पहले कई जगहों पर घूम चुका था. धार्मिक स्थलों पर भी जाने की खबर है.

निजी अस्पताल के डॉक्टर को किया गया क्वॉरंटीन

शख्स निजी अस्पताल के जिस डॉक्टर से मिला था अब उन्हें भी क्वॉरंटीन किया गया है. G नॉर्थ विभाग के वॉर्ड ऑफिसर किरण डिगावकर ने बताया कि जिस डॉक्टर को व्यक्ति ने 23 मार्च को दिखाया था. उनके नमूने भी BMC ने जांच के लिए भेजे हैं. साथ ही धारावी की जिस SRA बिल्डिंग में डॉक्टर रहते थे वहां के करीब 300 फ्लैट और 90 दुकानों को सील किया गया है.

BMC की तैयारी की खुल रही है पोल?

एक शख्स की मौत और निजी अस्पताल के डॉक्टर को क्वॉरंटीन करने के बाद सवाल उठाया जा रहा है कि अगर डॉक्टर उस मरीज के बारे में तुरंत BMC या सरकार को जानकारी देता तो उस शख्स की जांच जल्दी हो सकती थी. साथ ही BMC ने जो तैयारियां की हैं उससे साफ है कि उसने निजी अस्पताल और डॉक्टरों तक अपनी पहुंच नहीं बनाई है.

सर्दी जुकाम होने पर हर शख्स सरकारी अस्पताल नहीं जाता, वैसे भी इतने सरकारी अस्पताल नहीं हैं. ऐसे में क्यों नहीं बीएमसी ने निजी अस्पतालों से कोई कम्युनिकेशन ब्रिज तैयार किया है. अगर वक्त रहते सरकारी अमले को इस मरीज के बारे में पता चलता तो शायद उनकी जान बच जाती और बाकी लोगों के संक्रमित होने का डर नहीं रहता.

हालांकि, BMC लगातार इस बात का हवाला दे रही है कि स्लम में उन्होंने अपने नोडल हेल्थ प्रतिनिधि को तैनात किया है. किसी को भी कोरोना के लक्षण दिखाई दिए तो सम्पर्क कर सकते हैं.

बता दें कि धारावी मुंबई का वो इलाका है जहां एशिया की सबसे बड़ी स्लम बस्तियां हैं. ये 613 हेक्टेयर में फैला है और करीब 15 लाख लोग रहे हैं. ऐसे में अगर यहां कोरोना वायरस संक्रमण दिखा है तो ये BMC के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात है.

वहीं, अब एक BMC कर्मी संक्रमित बताया जा रहा है. ये धारावी में काम कर रहा था लेकिन रहने वाला वर्ली के पास का है. ये नया शख्स कहां से संक्रमित हुआ इसकी जांच चल रही है. साथ ही उस व्यक्ति की मौत से भी उसके संबंध का पता लगाया जा रहा है. हालांकि इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है.

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