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ऑक्सीजन जरूरी,ये कानूनी विवाद में पड़ने का समय नहीं- वेदांता पर SC

वेदांता लिमिटेड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तमिलनाडु सरकार पर सख्त टिप्पणी

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देश में कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की किल्लत है. ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए शुक्रवार को वेदांता लिमिटेड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसे समय में जब देश को ऑक्सीजन की जरूरत है तब कानून का हवाला देकर समस्या को बढ़ाया नहीं किया जा सकता है.

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दरअसल इस याचिका में कॉपर निर्माता वेदांता लिमिटेड ने तमिलनाडु स्थित अपने प्लांट को फिर से चालू करने की अनुमति मांगी है, ताकि मेडिकल ऑक्सीजन का निर्माण किया जा सके. कंपनी ने ऑक्सीजन निःशुल्क देने की बात कही है.

SC ने तमिलनाडु सरकार से पूछे सवाल

तमिलनाडु में स्टारलाइट प्लांट को दोबारा शुरू करके, वहां मेडिकल ऑक्सीजन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि जब देश ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए संघर्ष कर रहा है ऐसे वक्त में कानून का हवाला देकर समस्या को बढ़ाया नहीं जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी उस वक्त आई है, जब 22 अप्रैल को कोर्ट ने कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए कहा था कि देश में लगभग नेशनल इमरजेंसी के हालात बन गए हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ऑक्सीजन प्लांट से जुड़ी वेदांता लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया. वेदांता लिमिटेड ने कहा कि वो 1000 टन ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा और उसे मुफ्त में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध कराएगा.

बॉर एंड बेंच के अनुसार, चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि, क्या तमिलनाडु सरकार ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकती है और राज्य सरकार इस संबंध में सोमवार तक प्रस्तावित योजना सौंपे. ऑक्सीजन के उत्पादन को लेकर आप अपनी जिम्मेदारी पूरी क्यों नहीं करते हैं? सिर्फ इसलिए कि वेदांता के साथ आपको समस्या है, इसलिए आप ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं करने देंगे? ये किस प्रकार का विवाद है. हमें यह जानने में कोई रुचि नहीं है कि ये प्लांट वेदांता या कोई और चला रहा है. हम सिर्फ ऑक्सीजन का उत्पादन सुनिश्चित होने में रुचि रखते हैं. ये वेदांता का सवाल नहीं है. लोग मर रहे हैं. क्या राज्य सरकार ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकती है.

तमिलनाडु सरकार की दलील

वहीं तमिलनाडु सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथ ने कहा कि, तमिलनाडु सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन प्लांट को दोबारा खोलने से कानून-व्यवस्था को लेकर समस्या खड़ी हो सकती है, क्योंकि स्थानीय लोग इसके विरोध में हैं. तमिलनाडु के लोगों और कंपनी के बीच विश्वास की बहुत कमी है. इस मामले को लेकर 13 लोगों की मौत हो चुकी है.

क्यों बंद है वेदांता का स्टारलाइट प्लांट?

कॉपर निर्माता वेदांता लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन देकर तमिलनाडु में अपने संयंत्र को फिर से खोलने की अनुमति मांगी है, इसे पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन के लिए बंद कर दिया गया है. साथ ही स्थानीय लोग इस प्लांट के विरोध में हैं.

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वेदांता लिमिटेड ने कहा कि, देश कोविड की चपेट में है और ऐसे समय में वह मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में मदद करना चाहता है.

वहीं केंद्र सरकार ने भी वेदांता के अनुरोध का समर्थन किया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश को ऑक्सीजन की बेहद जरूरत है. ऐसे में ऑक्सीजन के उत्पादन और सप्लाई के लिए वेदांता के प्लांट को दोबारा चालू करने की अनुमति दी जाए.

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