झारखंड में कोविड 19 का चौथा केस सामने आ गया है. राज्य की राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी की इस महिला का इलाज रिम्स अस्पताल में चल रहा है. इस महिला के 6 परिवारवालों को क्वॉरंटीन किया गया है.
हिंदपीढ़ी बना कोरोना हॉटस्पॉट
हिंदपीढ़ी वही इलाका है जहां से राज्य का पहला कोरोना केस आया था. 31 मार्च को 22 साल की जिस महिला को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, वो मलेशिया की नागरिक है. ये महिला दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज में तबीलीग जमात में गई थी. इस मामले के सामने आने के बाद पूरे हिंदपीढ़ी इलाके को सील किया गया था. साथ ही ये महिला जिन घरों में गई थीं, उन्हें क्वॉरन्टीन किया गया था. चौथे केस से जुड़ी महिला की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. आशंका है कि ये महिला मलेशिया से आई महिला के संपर्क में आई थी.
बाकी मामले
झारखंड में दूसरा केस हजारीबाग जिले से आया था. इसमें एक मजदूर पश्चिम बंगाल से पैदल चलते हुए हजारीबाग आया था. तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया और फिर सैंपल रिम्स में भेजे गए. कोरोना पॉजिटिव पाए जाे के बाद उसे हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.
झारखंड का तीसरा केस बोकारो को 5 अप्रैल को मिला. यहां एक महिला को पॉजिटिव पाया गया. ये महिला 5 लोगों के साथ बांग्लादेश की की यात्रा कर चुकी है.
कोविड 19 से लड़ने की हल्की तैयारी
झारखंड में अब तक 1004 लोगों के सैंपल की जांच हुई है. 6 अप्रैल को जारी झारखंड सरकार कोविड 19 बुलेटिन के मुताबिक इसमें से 842 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल सुविधाओं की बात करें तो राज्य में दो टेस्टिंग सेंटर हैं.
- सरकारी अस्पतालों में ICU बेड-239
- सरकारी अस्पतालों में नॉन ICU बेड-1604
- आइसोलेशन सेंटर बेड - 2891
- क्वॉरन्टीन सेंटर में बेड - 40,508
- क्वॉरन्टीन में लोग - 15,344
- होम क्वॉरन्टीन में लोग - 1,34,468
जाहिर है करीब सवा तीन करोड़ की आबादी वाले राज्य के लिए ये मेडिकल सुविधाएं बेहद कम हैं.
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