प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मार्च को अपने रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' में कोरोना वायरस के मुद्दे पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा, ''सबसे पहले मैं सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूं और मेरी आत्मा कहती है कि आप मुझे जरूर क्षमा करेंगे क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाइयां उठानी पड़ रही हैं.''
पीएम मोदी ने कहा, ‘’खास कर गरीब भाइयों-बहनों को देखता हूं तो जरूर लगता है कि उनको लगता होगा कि ऐसा कैसा प्रधानमंत्री है, हमें मुसीबत में डाल दिया. उनसे से भी मैं विशेष रूप से क्षमा चाहता हूं.’’
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा,
- बहुत से लोग मुझसे नाराज भी होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है. मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, आपकी परेशानी भी समझता हूं लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश के पास, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए, ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था
- कोरोना के खिलाफ लड़ाई, जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है और इस लड़ाई में हमें जीतना है, इसलिए ये कठोर कदम बहुत जरूरी थे
- कुछ लोगों को लगता है कि वो लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं तो ऐसा करके वो मानो जैसे दूसरों की मदद कर रहे हैं, ये भ्रम पालना सही नहीं है. ये लॉकडाउन खुद के बचने के लिए है. आपको अपने को बचाना है, अपने परिवार को बचाना है
- अभी आपको आने वाले कई दिनों तक इसी तरह धैर्य दिखाना ही है, लक्ष्मण रेखा का पालन करना ही है
पीएम मोदी ने कहा, ''हमारे यहां कहा गया है- 'एवं एवं विकार,अपी तरुन्हा साध्यते सुखं', यानी बीमारी और उसके प्रकोप से शुरुआत में ही निपटना चाहिए. बाद में रोग असाध्य हो जाते हैं, तब इलाज भी मुश्किल हो जाता है. आज पूरा हिंदुस्तान, हर हिंदुस्तानी यही कर रहा है.''
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