भारतीयों को बिना क्वारंटीन झेले यूके और अमेरिका की यात्रा करने के लिए अभी इंतजार करना होगा. कोरोना सेकंड वेव (corona second wave) धीमी पड़ने के बाद भी भारत इन दोनों देशों की 'रेड लिस्ट' पर है- मतलब कि ऐसा देश जहां कोविड ट्रांसमिशन ज्यादा है.
कनाडा (Canada) ने भारत से आने वाले सभी यात्रियों पर संपूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है. हालांकि, किसी और देश की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट (covid test report) के साथ यात्रा को अनुमति है.
इस नियम की वजह से कनाडा जाने वाले भारतीयों के लिए सर्बिया एक पॉपुलर डेस्टिनेशन बन गया है. लेकिन हाल ही में सैंकड़ों भारतीय बेलग्रेड एयरपोर्ट पर फंस गए थे जब सर्बियन सरकार ने भारतीयों के लिए सात दिन के अनिवार्य क्वारंटीन नियम को लागू कर दिया था.
अगर आप यात्रा करने वाले हैं, तो आपको क्या पता होना चाहिए? इन देशों में कौन लोग एंट्री कर सकते हैं? क्वारंटीन गाइडलाइन क्या हैं? ये सब यहां जान लीजिए.
अमेरिका
अमेरिका ने ऐसे भारतीयों के लिए यात्रा प्रतिबंधित कर रखी है जो पिछले 14 दिनों से देश में रह रहे थे. इस नियम से सिर्फ अमेरिकी नागरिओं, छात्रों और ये साबित करने वालों को छूट है कि उनकी यात्रा अमेरिका के राष्ट्रीय हितों में है.
पासपोर्ट पर वीजा स्टांप होने के बाद NewDelhiNIE@state.gov या ChennaiNIE@state.gov पर ईमेल भेज कर अमेरिका में एंट्री की मंजूरी लेनी होगी.
F-1 या M-1 वीजा वाले छात्रों और ऑप्टिकल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग अप्रूवल लिए वो लोग जिनका कर 1 अगस्त या उसके बाद शुरू हो रहा है, उन्हें कोर्स शुरू होने के 30 दिनों के अंदर अमेरिका की यात्रा करने के लिए नेशनल इंटरेस्ट एक्सेप्शन (NIE) की जरूरत नहीं होगी.
अमेरिका पहुंचने पर भारतीयों को 7 दिन अनिवार्य क्वारंटीन में रहना होगा और पहुंचने पर टेस्ट भी करवाना होगा. बिना टेस्ट कराए 10 दिन का क्वारंटीन होगा.
यूनाइटेड किंगडम
यूके सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, रेड लिस्ट में शामिल देश या इलाके में पिछले 10 दिन गुजारने वाले व्यक्ति को देश में एंट्री नहीं दी जाएगी.
ब्रिटिश और आयरिश नागरिकों, या फिर यूके में निवास अधिकार रखने वालों को इस नियम से छूट दी गई है.
अगर आपके पास यूके का निवास अधिकार है तो वहां पहुंचने पर कोविड टेस्ट कराना होगा, 10 दिन का क्वारंटीन होटल पैकेज लेना होगा, जिसमें दो टेस्ट शामिल हैं और एक पैसेंजर लोकेटर फॉर्म भरना होगा. ये कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों पर भी लागू होगा और उन छात्रों पर भी जो यूके में पढ़ रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया ने बाकी दुनिया के लिए अभी अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं. निजी छूट प्राप्त होने पर ही ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की जा सकती है.
भारत से ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने की इच्छा रखने वाले इन परिस्तिथियों में ही जा सकेंगे:
ऑस्ट्रेलिया के कोविड रिस्पांस में सहायता देने वाले क्रिटिकल वर्कर्स
ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हितों के लिए यात्रा कर रहे लोग
ऑस्ट्रेलिया में किसी करीबी परिजन की मौत या अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे लोग
गंभीर रूप से बीमार परिजन से मिलने जा रहे लोग
किसी ऑस्ट्रेलियन नागरिक या नाबालिग स्थायी निवासी को वापस छोड़ने जा रहे लोग. इस स्थिति में नाबालिग के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया में होने चाहिए.
कनाडा
कनाडा ने भारत से सीधी उड़ानें 21 जुलाई तक निलंबित कर दी हैं लेकिन आप इनडायरेक्ट रुट से ट्रेवल कर सकते हैं- सर्बिया (सात दिन का क्वारंटीन शामिल) या रूस.
जिस देश से आ रहे हैं वहां से निकलने से पहले नेगेटिव RTPCR टेस्ट कराना होगा. अगर ट्रेवल में पॉजिटिव टेस्ट हुए तो आपको डिपार्चर की जगह वापस भेजा जा सकता है या फिर क्वारंटीन होने को कहा जा सकता है.
रूस
रूस पहुंचने वाले यात्रियों के लिए अराइवल से 72 घंटे पहले का नेगेटिव कोविड टेस्ट होना जरूरी है. रूस उन कुछ देशों में से है जो भारतीय यात्रियों को आने दे रहा है.
यूएस या कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के पास रूस में रुकने का विकल्प है. हालांकि, वहां से आगे बढ़ने के लिए नेगेटिव RTPCR रिपोर्ट चाहिए होगी.
स्विट्जरलैंड: भारत से पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोग जा सकते हैं और कोई क्वारंटीन या टेस्टिंग नहीं चाहिए होगी. आपके पास कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट होना चाहिए. 18 साल से कम उम्र के यात्रियों के साथ अगर वैक्सीनेटेड व्यस्क यात्रा कर रहा है तो उन्हें वैक्सीनेशन की जरूरत नहीं.
जर्मनी: सिर्फ अर्जेंट काम या महत्वपूर्ण भूमिका या पूरी तरग वैक्सीनेटेड लोग ही ट्रेवल कर सकते हैं. कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा, जिसमें आखिरी डोज ट्रेवल से 14 दिन पहले लगी होनी चाहिए.
तुर्की: 14 दिन का इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन अनिवार्य किया गया है. इसके बाद यात्रियों को टेस्ट कराना होगा.
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