देश में 16 जनवरी से शुरू हुए कोविड टीकाकरण के बाद से अब तक 1,43,01,266 कोरोना वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं. 1 मार्च से टीकाकरण का नया चरण शुरू हुआ है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार की सुबह एम्स में कोरोनावायरस वैक्सीन लगवाई है. इस फेज में उन 27 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन होना है, जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है और जिनकी उम्र 45 साल से ऊपर है, साथ ही वे अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं. आज कई दिग्गज नेताओं ने कोरोना वैक्सीन ली, साथ ही Co-Win एप में कुछ दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. जानते हैं इस चरण के वैक्सीनेशन की बड़ी बातें.
पीएम मोदी, अमित शाह, नीतीश कुमार, शरद पवार, पटनायक को कोरोना वैक्सीन
- इस चरण में पीएम मोदी जहां AIIMS दिल्ली में वैक्सीन लगवाते नजर आए. पुदुचेरी की नर्स सिस्टर पी निवेदा के निर्देशन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगवाई.
- गृहमंत्री अमित शाह ने मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टरों से वैक्सीन की पहली डोज ली. विदेश मंत्री जयशंकर ने भी वैक्सीन की पहली डोज ली है.
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के इंदिर गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में वैक्सीन की पहली डोज ली. इसके बाद 30 मिनट तक वे चिकित्सकों की निगरानी में रहे.
- एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मुंबई के जे.जे. अस्पताल में टीका लगवाया.
- ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा असेम्बली डिसपेंसरी में वैक्सीनेशन कराया और सभी वैज्ञानिकों और स्वास्थ्यकर्मियों को शुक्रिया कहा.
सभी ने की वैक्सीनेशन के लिए अपील
इन चारों नेताओं ने खुद को वैक्सीन लगवाकर वैक्सीन लेने की अपील भी की है. वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, "मैने एम्स में कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज ली. उल्लेखनीय है कि कैसे हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम किया. मैं लोगों से वैक्सीन लेने की अपील करता हूं. आइए, मिलकर हम भारत को कोविड 19 मुक्त बनाएं."
नीतीश ने अपने 70वें जन्मदिवस पर वैक्सीन लेकर कहा कि कोरोना से छुटकारा के लिए टीकाकरण आवश्यक है. लोगों से आग्रह है कि वे भी टीकाकरण केंद्र पहुंचे और टीका लें. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने भी सभी योग्य लोगों को वैक्सीन लेने का आग्रह किया.
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि राज्य में COVID-19 टीकाकरण बिल्कुल मुफ्त में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोगों को निजी अस्पतालों में भी मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी.
देशभर में चल रहा वैक्सीनेशन ड्राइव
बता दें कि दूसरे चऱण में इन लोगों को दी जा रही है कोरोना वैक्सीन
- जिन हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को अभी तक वैक्सीन नहीं मिली है उ
- 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग
- 45 साल से ऊपर के लोग, जो किसी कोमोर्बिडिटी से जूझ रहे हैं
Co-Win के बार-बार बंद होने से वैक्सीनेशन में दिक्कत
वैक्सीनेशन ड्राइव के इस चरण के पहले दिन टीकाकरण की प्रक्रिया को अंजाम देने के दौरान को-विन पोर्टल के बार-बार बंद होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
- कई अस्पतालों ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए इसकी पुष्टि की. इस वजह से उन लोगों को देरी हुई जो ऑन-साइट रजिस्ट्रेशन करने जल्दी आते हैं या फिर जिन्होंने पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाया है.
- मूलचंद जैसे कई अस्पतालों ने दोपहर 1 बजे तक वॉक-इन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया, ताकि टीका लगाने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रही भीड़ को नियंत्रित किया जा सके.
- दक्षिण दिल्ली स्थित मूलचंद अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक मधु हांडा ने कहा कि को-विन पोर्टल कई बार क्रैश हो रहा है.
- कई ने आरोप लगाया कि उन्हें यह नहीं बताया गया कि टीकाकरण दोपहर 12 बजे से शुरू होगा.
- एक बड़े निजी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने न्यूज एजेंसी को बताया, "हमारे पास प्रबंधन करने की क्षमता है, लेकिन टीकाकरण में हुई देरी उन्हें चिंतित कर रही है. इसके अलावा, सरकार की तरफ से तैनात कर्मचारी भी सहयोग नहीं कर रहे हैं."
देश में 15.5 हजार नए मामले दर्ज, कुल मामले 1.11 करोड़ के पार
इस बीच देश में रोजाना दर्ज हो रहे कोरोनावायरस मामलों की संख्या पिछले 2 हफ्तों से चिंताजनक बनी हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में एक दिन में 15,510 नए मामले दर्ज होने के बाद कुल मामलों की संख्या 1,11,12,241 पर पहुंच गई है. वहीं 106 मौतों के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,57,157 हो गई है. देश में मामलों के पॉजिटिव आने की दर भी धीरे-धीरे बढ़कर 1.52 प्रतिशत हो गई है. हालांकि इन 15 दिनों से पहले देश में कोविड नियंत्रण को लेकर स्थिति काफी ठीक थी. यहां तक कि फरवरी के मध्य में अधिकारियों ने कहा था कि देश में औसत दैनिक मामलों के आंकड़े 9,000 से 12,000 और मौतों के आंकड़े 78 से 120 के बीच थे.
पिछले हफ्ते सामने आए मामलों की औसत संख्या के 90 फीसदी मामले केवल 6 राज्यों - महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, कर्नाटक और गुजरात के थे. इन राज्यों में बनी चिंताजनक स्थिति को देखते हुए केंद्र से टीमें भी भेजी गईं.
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