जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने गुरुवार को कहा कि सरकार कन्हैया और कमरान को लड़ाना चाहती है. उन्होंने कहा कि अब देश को तय करना होगा कि वह महात्मा गांधी के साथ चलेगा या वह गोडसे के साथ है. उन्होंने कहा कि उनकी 'जन गण मन यात्रा' किसी को नेता बनाने के लिए नहीं है बल्कि यह जनता और देश के गणतंत्र को बचाने के लिए है.
बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गुरुवार को 'संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ' महारैली में कन्हैया कुमार ने केंद्र सरकार पर जमकर सियासी हमला बोला.
‘आज एक तरफ भगत सिंह और अंबेडकर को मानने वाले लोग हैं तो दूसरी ओर गोडसे को माननेवाले लोग हैं. इन लोगों ने एक ऐसी टीम बना रखी है जो गोयबल्स को भी फेल कर रही है. इनकी आइटी टीम मोबाइल का इस्तेमाल कर कन्हैया और कामरान को लड़ा रही है.’कन्हैया कुमार, सीपीआई नेता
'एनपीआर वापस लेने तक आंदोलन जारी रखना होगा'
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें सिर्फ इसपर अडिग रहना है कि एनपीआर भी वापस होने तक हमें आंदोलन जारी रखना है. उन्होंने 'बिहार मांगे रोजगार, नहीं चाहिए एनपीआर' का नारा बुलंद करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. उन्होंने आगे कहा
“एनपीआर को 2010 के प्रारूप में ही करवाने का प्रस्ताव पास करवाने से कुछ नहीं होगा, इसका गजट नोटिफिकेशन वापस नहीं हुआ है. हमें किसी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है.”
'बंटवारा कर सत्ता में बने रहने की नीति चल रही'
कन्हैया ने कहा कि आज लोगों में बंटवारा कर सत्ता में बने रहने की नीति चल रही है. उन्होंने कहा, "अंग्रेजों ने साजिश के तहत देश का बंटवारा किया. इस देश में जो मुसलमान रहे वे जिन्ना के साथ नहीं गए, बल्कि गांधी के साथ रहे. आज बड़ी चालाकी से गांधी जिंदाबाद कहनेवालों को देशद्रोही कहा जा रहा है. खुलेआम देश के भीतर लोगों के संवैधानिक अधिकार छीने जा रहे हैं."
उन्होंने कहा कि आज अंबेडकर की समानता और गांधी की महानता की जरूरत है. कपिल मिश्रा पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं हुआ, लेकिन कोई सच बोलेगा तो उसपर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया जाएगा.
दिल्ली हिंसा की चर्चा करते हुए कन्हैया ने कहा कि वहां राजनीतिक पार्टी आग लगा रहे हैं.
इस मौके पर दिल्ली हिंसा के शिकार लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया. इससे पहले कन्हैया जन गण मन यात्रा पर बिहार के कई जिलों का दौरा और 50 से ज्यादा जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं. इस महारैली के साथ इस यात्रा का समापन हो गया.
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