ADVERTISEMENTREMOVE AD

पटाखों पर बैन रहेगा बरकरार, SC ने खारिज की कारोबारियों की मांग

रोक के फैसले में बदलाव के लिए व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. 

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगा बैन सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. दरअसल दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक के फैसले में बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर को पटाखों की बिक्री पर एक नवंबर तक रोक लगाई थी. हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जनके पास पटाखे है वो दिवाली की रात 11 बजे तक जला सकते है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस ए के सीकरी ने पटाखों की ब्रिकी पर रोक के आदेश में बदलाव से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर देखने बाद फैसला सुनिश्चित किया जाएगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भी तय किए समय

दिल्ली-एनसीआर के बाद अब पंजाब और हरियाणा में भी पटाखों को लेकर कुछ नियम तय किए गए हैं. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पटाखे जलाने के लिए दिवाली की रात समय तय किए है. कोर्ट ने आदेश जारी कर 6.30 से 9.30 तक ही पटाखे जलाने को कहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
ADVERTISEMENTREMOVE AD

व्यापारियों ने नुकसान का दिया था हवाला

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट के पटाखा बैन के आदेश के बाद विक्रेताओं ने भारी नुकसान का हवाला दिया था. बुधवार को इस मामले में व्यापारियों ने पुनर्विचार याचिका दायर कर जल्द सुनवाई की मांग की थी. विक्रेताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि पटाखे खरीदने में उन्होंने काफी पैसे लगा रखे हैं. अगर बैन नहीं हटेगा, तो उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पर्यावरण को ध्यान में रखकर लगाया गया बैन

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिवाली के दौरान पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने. साथ ही पर्यावरण और लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर पटाखों की बिक्री पर पूरी तर से बैन लगाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा था, हमें कम से कम एक दिवाली पर पटाखे मुक्त त्योहार मनाकर देखना चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×